विदिशा में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन प्रचार-प्रसार का अभाव है : इतिहासकार

विदिशा में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन प्रचार-प्रसार का अभाव है : इतिहासकार

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  • Publish Date - May 5, 2024 / 08:04 PM IST,
    Updated On - May 5, 2024 / 08:04 PM IST

(मनीष श्रीवास्तव)

विदिशा (मप्र), पांच मई (भाषा) पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, दिवंगत भाजपा नेता सुषमा स्वराज और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ विदिशा के संबंधों ने भले ही इस शहर को समय-समय पर सुर्खियां दी हों लेकिन इतिहासकारों का मानना है कि यह शहर एक पर्यटक गंतव्य के रूप में अपनी अलग पहचान बनाने की क्षमता रखता है।

सांची और भीम बेटका जैसे विश्व धरोहर स्थलों से घिरा विदिशा लोकसभा क्षेत्र में 10वीं शताब्दी के बीजा मंडल सहित कई ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल हैं।

इतिहासकार गोविंद देओलिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “यह सच है कि प्रसिद्ध बौद्ध स्थल सांची में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। लेकिन विश्व धरोहर स्थल से मुश्किल से 10 किमी दूर होने के बावजूद उनमें से बहुत कम लोग विदिशा शहर जाते हैं जहां बीजामंडल जैसे ऐतिहासिक और पुरातात्विक रूप से महत्वपूर्ण स्थान हैं।”

उन्होंने दावा किया कि “सेंट्रल विस्टा (नयी दिल्ली में) में नए संसद भवन का डिजाइन बीजा मंडल-विजय मंदिर से प्रेरित है”।

देवलिया ने कहा, विदिशा उदयगिरि गुफाओं जैसे ऐतिहासिक स्थानों से भी घिरा हुआ है, जहां दुनिया की सबसे पुरानी गणेश मूर्ति और हेलियोडोरस स्तंभ (गरुड़ ध्वज स्तंभ) है, जो ईसा पूर्व युग के कुछ स्मारकों में से एक है।

उन्होंने कहा, अगर उदयपुर के शिव मंदिर और ग्यारसपुर को अच्छी तरह से बढ़ावा दिया जाए, तो इससे पर्यटन और आतिथ्य, और यात्रा जैसे संबद्ध क्षेत्रों में बहुत सारी नौकरियां पैदा होंगी।

इस चुनावी मौसम में, राज्य में सबसे लोकप्रिय भाजपा नेताओं में से एक, चौहान के नामांकन के साथ विदिशा फिर से चर्चा में है। इस सीट का प्रतिनिधित्व वाजपेयी (1991) और स्वराज (2009 और 2014) जैसे दिवंगत भाजपा दिग्गजों ने किया था।

नए संसद भवन में प्रदर्शित भारत के पुराने मानचित्र में हालांकि, विदिशा शामिल है, जिसमें आध्यात्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से वाराणसी और महेश्वर सहित तीन महत्वपूर्ण शहरों का उल्लेख है।

देओलिया ने कहा कि विदिशा के लोगों ने भी चौहान से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि नए संसद भवन में बीजा मंडल-विजय मंदिर के डिजाइन का उल्लेख हो।

एक अन्य इतिहासकार विजय चतुर्वेदी ने कहा कि विदिशा का इतिहास प्राचीन काल से समृद्ध रहा है, यहां 113 ईसा पूर्व का हेलियोडोरस स्तंभ और उदयगिरि की ऐतिहासिक गुफाएं हैं, लेकिन प्रचार-प्रसार के अभाव में पर्यटक सांची से लौट जाते हैं।

उन्होंने कहा, “अगर सरकार यहां के प्राचीन स्थलों का विकास करेगी तो निश्चित रूप से दुनिया भर के लोग इस ऐतिहासिक संपदा को देख सकेंगे और जब पर्यटन बढ़ेगा तो रोजगार भी अपने आप पैदा होगा।”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विदिशा से पार्टी के उम्मीदवार प्रताप भानु शर्मा ने चौहान पर विदिशा की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा नहीं देने का आरोप लगाया।

विदिशा से दो बार -1980 और 1984 – जीत चुके शर्मा ने कहा, “यह सच है कि चार बार मुख्यमंत्री और पांच बार सांसद रहने के बावजूद चौहान ने विदिशा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुछ नहीं किया।”

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने शर्मा के आरोपों को निराधार बताया।

उन्होंने दावा किया कि चौहान ने न केवल विदिशा में बल्कि पूरे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बहुत कुछ किया है, जिसके कारण लोकसभा क्षेत्र पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है।

विदिशा में तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा।

भाषा प्रशांत रंजन

रंजन