भोपाल। Will missionary organizations support cow slaughter? दमोह में धर्मांतरण का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था.. कि अब बेरहमी से गौवध को लेकर सियासत उबाल पर है। बीजेपी इस मामले में जीरो टॉलरेंस नीति की बात कह रही है तो वहीं कांग्रेस का आरोप है कि सरकार खुद ही गायों को मरवा रही है।
दमोह में ये कैसी अंधेरगर्दी मची है? 14 नवंबर को ईसाई मिशनरी के छात्रावासों में धर्मांतरण के पर्दाफाश के बाद लगातार नये खुलासे हो रहे हैं। अब राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट कर एक और खुलासा किया है। प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट में धर्मांतरण के आरोपी अजय लाल को मिशनरी माफिया करार दिया है। उन्होंने ये भी बताया कि अजय लाल के फार्महॉउस से मृत गायों की पोस्टमार्टम के अनुसार गायों की मौत बेरहमी से पीटने की वजह से हुई है। इस खुलासे के बाद बीजेपी ने कहा कि एमपी में किसी भी कीमत पर आस्था से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
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हालांकि कांग्रेस का आरोप है कि सरकार और संघ के लोग ही गायों को मरवा रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि गौशाला की संचालिका संघ से जुड़ी हुई हैं लेकिन FIR के बाद भी पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। बहरहाल, धर्मांतरण और गायों पर राजनीतिक वार-पलटवार नई बात नहीं लेकिन गोवंश के साथ ऐसी बेरहमी पर मिशनरी संस्थाएं चुप क्यों हैं? क्या वाकई मध्यप्रदेश में मिशनरी माफिया का वजूद है जो लगातार आस्था पर चोट कर रहा है?
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