मप्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित |

मप्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

मप्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : December 24, 2021/6:51 pm IST

भोपाल, 24 दिसंबर (भाषा) मध्य प्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र शुक्रवार को आदिवासियों के मुद्दे पर हंगामे के बीच दैनिक कार्यसूची में दर्ज सभी विषयों को पूरा करने के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। यह सत्र 20 दिसंबर को शुरू हुआ था।

सत्र के पांचवें एवं अंतिम दिन आज सुबह जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, कांग्रेस सदस्य एवं आदिवासी नेता ओमकार सिंह मरकाम खड़े हुए और एक दिन पहले सदन में वर्ष 2021-22 के लिए पारित अनूपूरक बजट में आदिवासी वर्ग के लिए कम राशि आवंटित किए जाने का मुद्दा उठाया।

मरकाम ने कहा कि 19,000 करोड़ रुपये से अधिक का जो अनुपूरक बजट पारित हुआ है, उसमें प्रदेश के 22 प्रतिशत आदिवासी वर्ग के लिए मात्र 400 रुपये दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी विरोधी है।

इसके बाद, विशेष रूप से आदिवासी समुदाय के कांग्रेस विधायकों सहित पार्टी के अन्य सदस्य भी मरकाम को साथ खड़े हो गए और इस मुद्दे पर सरकार को घेरने लगे।

इस पर संसदीय कार्य एवं जेल मंत्री मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जब कल यह अनुपूरक बजट पारित हुआ था, तब मरकाम ने चर्चा में भाग क्यों नहीं लिया।

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने मरकाम सहित अन्य विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘मैं आपको शून्यकाल में बोलने का मौका दूंगा। आप बैठ जाइए और प्रश्नकाल होने दीजिए।’’

इसके बाद, अध्यक्ष ने सत्तारूढ़ भाजपा सदस्य यशपाल सिंह सिसोदिया को प्रश्नोत्तर सूची में शामिल आज के पहले सवाल को सदन में रखने को कहा, लेकिन विपक्षी विधायक लगातार हंगामा करते रहे।

मध्य प्रदेश में जेल में कैदियों को दिए जाने वाले भोजन सहित अन्य सामग्री पर सिसोदिया द्वारा पूछे गए सवाल के बाद जेल मंत्री मिश्रा ने कहा कि वह इस सवाल का जवाब नहीं दे सकते क्योंकि विपक्ष के भारी हंगामे के कारण वह कुछ भी ठीक से नहीं सुन सके।

इसके बाद, अध्यक्ष ने पूर्वाह्न 11.15 बजे सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पूरा प्रश्नकाल आज हंगामे की भेंट चढ़ गया।

सदन की कार्यवाही जैसे ही दोबारा शुरू हुई, कांग्रेस के सदस्य इसी मुद्दे को लेकर आसन के समक्ष पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। इस दौरान कई कांग्रेस सदस्य आसन के सामने बैठकर हंगामा करते भी नजर भी आए।

अध्यक्ष बार-बार कांग्रेस विधायकों को समझाते रहे कि वे अपनी-अपनी सीट पर वापस जाएं और कार्यवाही को आगे बढ़ाने में सहयोग करें, लेकिन वे नहीं माने।

इसके बाद, अध्यक्ष ने दैनिक कार्यसूची में उल्लेखित दो विधेयकों को बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित करने सहित सभी अन्य विषयों को हंगामे के बीच पूरा कराया और फिर सदन की कार्यवाही दोपहर 12.19 बजे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

बाद में, विधानसभा परिसर में नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से कहा, ‘विपक्ष ने प्रश्नकाल, शून्यकाल, ध्यानकर्षण प्रस्ताव एवं विधेयकों पर भी चर्चा नहीं की। एक भी चर्चा में भाग नहीं लिया। इतना अकर्मण्य एवं संवादहीन विपक्ष मैंने पिछले 31 साल में अपने राजनीतिक जीवन में नहीं देखा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज विपक्ष जो विषय उठा रहा था, उसे बजट संबंधी चर्चा में कल बताना था। कल की बात आज उठा रहे हैं। उनको इस सामान्य बात का पता नहीं है कि बजट में शून्य भी आता है, जिसे बजटीय प्रावधान कहते हैं। वह बजटीय प्रावधान (आदिवासी विभाग का) 400 रुपये है। बजटीय प्रावधान में शून्य एवं एक रुपया भी किया जा सकता है। यह बजटीय प्रावधान है और फिर राशि का आवंटन होता है।’’

वहीं, सदन में आदिवासी विभाग के लिए 400 रुपये के अनुपूरक बजट का मुद्दा उठाने वाले कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने कहा, ‘‘मिश्रा गुमराह कर रहे हैं।’’

इस बीच, कांग्रेस विधायक एवं आदिवासी नेता हीरालाल अलावा ने मीडिया से कहा, ‘‘आज विधानसभा का प्रदेश के आदिवासी समुदाय के सभी विधायकों ने बहिष्कार किया और मध्य प्रदेश विधानसभा के अंदर वर्ष 2021-22 के लिए 19,000 करोड़ रुपये का जो अनुपूरक बजट पास हुआ है, उसमें आदिवासी विभाग के लिए मात्र 400 रुपये का बजट आवंटन किया गया है। यह आदिवासियों के साथ अन्याय है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार आदिवासी विभाग के बजट में धीरे-धीरे निरंतर कटौती कर रही है। 2017-18 में आदिवासी विभाग का बजट 4,144 करोड़ रुपये था, जिसे 2021-22 के आम बजट में मात्र 1,718 करोड़ रुपये कर दिया गया। मध्य प्रदेश की सरकार आदिवासी विरोधी है।’’

भाषा रावत नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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