अजित पवार ने जरंडेश्वर चीनी मिल संबंधी आरोपों को नकारा |

अजित पवार ने जरंडेश्वर चीनी मिल संबंधी आरोपों को नकारा

अजित पवार ने जरंडेश्वर चीनी मिल संबंधी आरोपों को नकारा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : October 22, 2021/5:20 pm IST

पुणे, 22 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जरंडेश्वर सहकारी चीनी मिल के संबंध में उनके खिलाफ लगाए आरोपों को शुक्रवार को खारिज कर दिया और कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामले की जांच कर रहा है और ‘‘तथ्य’’ सामने आएंगे।

पवार ने बताया कि जरंडेश्वर चीनी मिल की नीलामी सभी नियमों का पालन करते हुए की गयी। उन्होंने 65 चीनी कारखानों की सूची दी, जिन्हें या तो नीलामी के जरिए बेचा गया या ठेके पर दिए गए। उन्होंने दावा किया कि कुछ सरकारी कारखानों को तीन से 10 करोड़ रुपये में बेचा गया, लेकिन कोई भी उनके बारे में बात नहीं करता।

पवार ने कहा, ‘‘केंद्रीय एजेंसी मामले की जांच कर रही है और तथ्य सामने आएंगे। राज्य की सभी अन्य एजेंसियां जैसे कि भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो, सीआईडी और एक न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने पहले ही आरोपों की जांच कर ली हे।’’

उन्होंने बताया कि जरंडेश्वर मिल की नीलामी बंबई उच्च न्यायालय के आदेशों पर की गयी और इसे 65.75 करोड़ रुपये में गुरु कमोडिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को बेचा गया। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि शुगर फैक्टरी बकाया चुकाने में नाकाम रही तो अदालत ने एक साल का वक्त दिया और अगर इस दौरान बकाया नहीं दिया तो उसे नीलाम करने को कहा।’’

पवार ने कहा कि जब शुगर फैक्टरी बकाया नहीं चुका पायी तो महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक (एमएससीबी) ने एक निविदा निकाली और कई कंपनियों ने दावेदारी की। चूंकि, गुरु कमोडिटी सर्विसेज का 65.75 करोड़ रुपये का दावा सबसे अधिक था तो बैंक ने मिल उस कंपनी को बेच दी।

उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि कुछ चीनी मिल के खिलाफ आरोप लगाकर लोगों को गुमराह करने की कोशिशें की गयी हैं।

गौरतलब है कि इस साल जुलाई में ईडी ने धन शोधन रोकथाम कानून के तहत सातारा के चीमनगांव-कोरेगांव में जरंडेश्वर एसएसके शुगर मिल की 65 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी ने दावा किया कि यह शुगर मिल पवार और उनके परिवार से जुड़ी है।

भारतीय जनता पार्टी के नेता चंद्रकांत पाटिल के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि राज्य में ईंधन की कीमतें बढ़ने के लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं। भाजपा नेता ने आरोप लगाया था कि पवार के ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने का समर्थन न करने के कारण राज्य में ईंधन की कीमतें बढ़ रही हैं।

पवार ने कहा, ‘‘अगर केंद्र ईंधन पर कर कम कर देता है, तो राज्य सरकार निश्चित तौर पर इसके बारे में सोचेगी।’’

भाषा गोला दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)