ऑपरेशन सिंदूर में ‘आकाशतीर’ वायु रक्षा प्रणाली ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया: डीआरडीओ प्रमुख

ऑपरेशन सिंदूर में ‘आकाशतीर’ वायु रक्षा प्रणाली ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया: डीआरडीओ प्रमुख

ऑपरेशन सिंदूर में ‘आकाशतीर’ वायु रक्षा प्रणाली ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया: डीआरडीओ प्रमुख
Modified Date: May 23, 2025 / 12:28 pm IST
Published Date: May 23, 2025 12:28 pm IST

(चार्ल्स साल्वे)

नागपुर, 23 मई (भाषा) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख समीर वी कामत ने कहा कि भारत की स्वदेश निर्मित ‘आकाशतीर’ वायु रक्षा प्रणाली ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान बहुत अच्छा प्रदर्शन किया।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इसकी सफलता से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे लेकर रुचि बढ़ेगी।

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भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित और पूरी तरह से स्वचालित ‘आकाशतीर’ वायु रक्षा नियंत्रण और रिपोर्टिंग प्रणाली को तैनात किया था, जो पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान नई युद्ध क्षमताओं की अदृश्य शक्ति के रूप में उभरी।

डीआरडीओ प्रमुख ने बृहस्पतिवार शाम को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘निश्चित रूप से, हमारी वायु रक्षा प्रणाली ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, और मुझे यकीन है कि अन्य देशों की भी इसमें रुचि होगी।’’

कामत ने नागपुर की यात्रा के दौरान भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी के भविष्य के बारे में आशा व्यक्त की। उन्होंने यहां ड्रोन, मिसाइल और रॉकेट के विनिर्माण केंद्रों का दौरा किया।

डीआरडीओ प्रमुख ने रक्षा क्षेत्र में भारत के ‘आत्मनिर्भर’ बनने की दिशा में आगे बढ़ने के बारे में बात करते हुए कहा कि पर्याप्त प्रगति हुई है, लेकिन पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनने के लिए और अधिक काम करने की आवश्यकता है।

कामत ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमने एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्तर हासिल कर लिया है, लेकिन हमें अब भी कुछ काम करना है। और मुझे यकीन है कि आने वाले वर्षों में हम पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन जाएंगे।’’

क्या पारंपरिक हथियार भविष्य के संघर्षों में पीछे रह जाएंगे, इस पर कामत ने कहा कि भविष्य के युद्ध पारंपरिक उपकरणों को ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ जोड़ेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य के युद्ध में पारंपरिक उपकरणों के साथ-साथ इन नई चीजों का भी संयोजन होगा… हमें दोनों के लिए तैयार रहना होगा।’’

कामत ने निकट भविष्य में रोबोट द्वारा युद्ध के मैदान में सैनिकों की भूमिका निभाने की संभावना को खारिज कर दिया और कहा, ‘‘एक दिन ऐसा आएगा जब ऐसा हो सकता है, लेकिन निकट भविष्य में नहीं।’’

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा


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