बजरा पी305 मामला: अदालत ने तीन आरोपियों को जमानत देने से किया इनकार

बजरा पी305 मामला: अदालत ने तीन आरोपियों को जमानत देने से किया इनकार

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  • Publish Date - July 24, 2021 / 08:17 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:58 PM IST

मुंबई, 24 जुलाई (भाषा) मुंबई की एक अदालत ने एक वाणिज्यिक बजरे के एक निदेशक और दो अधिकारियों की जमानत याचिका खारिज कर दी, जो मई में चक्रवात ताउते के दौरान मुंबई तट पर डूब गया था, जिसमें 71 लोगों की जान चली गई थी।

सत्र न्यायाधीश यू एम पडवाड़ ने शुक्रवार को पीएपीएए शिपिंग के कार्यालय प्रशासक प्रसाद राणे, इसके एक निदेशक नितिन सिंह और कंपनी के तकनीकी अधीक्षक अखिलेश तिवारी को जमानत देने से इनकार कर दिया। आदेश से संबंधित विस्तृत विवरण शनिवार को उपलब्ध कराया गया।

मामले के विवरण के अनुसार, गहरे समुद्र में लंगर डाले हुए बजरा पी305, तेज हवाओं के प्रभाव को सहन नहीं कर सका, जिसके कारण इसके लंगर अलग हो गए और अंततः, यह डूब गया।

बजरा में सवार 261 सदस्यों में से 71 की जान चली गई, जिसमें बजरा के कैप्टन राकेश बल्लव भी शामिल थे।

त्रासदी के बाद, बजरा के मुख्य अभियंता ने एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कैप्टन ने सुरक्षा निर्देशों और चेतावनियों की अनदेखी की थी।

जांच के बाद राणे, सिंह और तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों की पिछली जमानत याचिका एक मजिस्ट्रेट अदालत ने खारिज कर दी थी।

भाषा कृष्ण उमा

उमा