स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं; ‘जंक फूड’ और व्यायाम की कमी इसके लिए जिम्मेदार : डॉक्टर

स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं; ‘जंक फूड’ और व्यायाम की कमी इसके लिए जिम्मेदार : डॉक्टर

स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं; ‘जंक फूड’ और व्यायाम की कमी इसके लिए जिम्मेदार : डॉक्टर
Modified Date: October 11, 2025 / 10:27 pm IST
Published Date: October 11, 2025 10:27 pm IST

मुंबई, 11 अक्टूबर (भाषा) भारत में महिलाओं में होने वाले सभी कैंसरों में स्तन कैंसर का हिस्सा 30 प्रतिशत है और 2030 तक यह संख्या बढ़कर प्रति वर्ष लगभग दो लाख हो सकती है। विशेषज्ञों ने शनिवार को यहां एक सम्मेलन में यह बात कही।

टाटा मेमोरियल अस्पताल की स्तन कैंसर सर्जन डॉ. श्लाका जोशी ने कहा कि व्यायाम या शारीरिक गतिविधि की कमी स्तन कैंसर के खतरे को लगभग दोगुना कर देती है।

वह ‘वीमेन्स कैंसर इनिशिएटिव और टाटा मेमोरियल अस्पताल’ द्वारा स्तन कैंसर प्रबंधन पर आयोजित वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं।

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डॉ. जोशी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसर माना जाता है। भारत में 20 में से एक या चार प्रतिशत महिलाओं को अपने जीवनकाल में स्तन कैंसर होने का खतरा रहता है। अनुमान है कि 2030 तक, स्तन कैंसर के प्रति वर्ष लगभग दो लाख मामले सामने आ सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ता शहरीकरण, पश्चिमी जीवनशैली अपनाना, साथ ही खान-पान में बदलाव, इस बीमारी के बढ़ते मामलों के कुछ कारण हैं।

डॉ. जोशी ने कहा, ‘‘हम जंक फ़ूड, वसायुक्त भोजन और ‘फ्रोजन फूड’ बहुत ज्यादा खाते हैं, जबकि पहले ऐसा नहीं होता था। इन सबके कारण स्तन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। व्यायाम की कमी या शारीरिक गतिविधि की कमी स्तन कैंसर के खतरे को लगभग दोगुना कर देती है। मोटापा भी एक महत्वपूर्ण कारक है, सिर्फ स्तन कैंसर के लिए ही नहीं, बल्कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग जैसी जीवनशैली से जुड़ी अन्य बीमारियां भी इसकी वजह से होती हैं।’’

भाषा शफीक दिलीप

दिलीप


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