काम करने के लिए 20 साल और जी सकते हैं: पद्म भूषण डा. बावस्कर |

काम करने के लिए 20 साल और जी सकते हैं: पद्म भूषण डा. बावस्कर

काम करने के लिए 20 साल और जी सकते हैं: पद्म भूषण डा. बावस्कर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : January 25, 2022/10:15 pm IST

मुंबई, 25 जनवरी (भाषा) डॉ हिम्मतराव बावस्कर को मंगलवार को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। बावस्कर के लाल बिच्छू के डंक से हुई मौतों पर अग्रणी शोध को दुनियाभर में चिकित्सा समुदाय ने सराहा था।

ऐसे 51 मामलों पर 71 वर्षीय चिकित्सक का काम 1982 में लैंसेट में प्रकाशित हुआ था, जिससे इस विषय में रुचि पैदा हुई और साथ ही जिस तरह से उन्होंने इस पर शोध किया, उसकी सराहना की गई।

बावस्कर, जिन्होंने नागपुर से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद रायगढ़ जिले की महाड़ तहसील में एक सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था और वहां 40 वर्षों तक काम करना जारी रखा। उन्होंने कहा कि पुरस्कार ने उन्हें ‘‘इस क्षेत्र में अपना काम जारी रखने के लिए 20 साल और जीने’’ के लिए प्रेरित किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं महाड़ के आसपास के अपने मरीजों को धन्यवाद देता हूं, जो 40 साल पहले एक दूरस्थ स्थान था। वहां के लोगों में अंधविश्वास व्याप्त था लेकिन उन्होंने मुझ पर भरोसा किया। एक बार जब मैंने उनका सम्मान अर्जित किया, तो उन्होंने मेरा समर्थन किया और चिकित्सा बिरादरी के और लोग मेरे साथ जुड़ गए।’’

चिकित्सक ने कहा कि उन्हें पद्म भूषण मिलना उन सभी लोगों के लिए एक सम्मान की बात है जिन्होंने उनके साथ काम किया और समाज के लिए बेहतर करने की कोशिश की।

भाषा देवेंद्र उमा

उमा

 

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