अमरावती, 17 सितंबर (भाषा) तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को तिरुमला तिरुपति देवास्थानम के नव गठित न्यासी बोर्ड को अविलंब समाप्त करने की मांग करते हुए कहा कि इसकी नियुक्त में ‘निहित स्वार्थ’ स्पष्ट है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने एक पवित्र स्थल को कारोबारी प्रतिष्ठान बना दिया है। उन्होंने आगाह किया कि जो वेकेंटेश्वर स्वामी की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी को लिखे एक पत्र में चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि श्रद्धालुओं की भावना का सम्मान करने के बदले सरकार ने 81 सदस्यीय बोर्ड की नियुक्ति कर उन्हें आहत किया, जिसमें 52 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल हैं।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि बोर्ड में धर्मनिष्ठ और सेवा करनेवालों की जगह उद्योगपतियों, अपराधियों, भ्रष्टचारियों और दुर्भावनापूर्ण व्यक्तियों को रखा गया है।
भाजपा सांसद जी वी एल नरसिम्हा राव ने भी इस मुद्दे पर जगन नीत सरकार पर निशाना साधा है और 52 विशेष आमंत्रित सदस्यों को नामित करने के पीछे के इरादे पर सवाल खड़े किये।
भाषा स्नेहा पवनेश
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