अदालत ने बीएमसी को बैठकों के लिए अनुमति को लेकर महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया |

अदालत ने बीएमसी को बैठकों के लिए अनुमति को लेकर महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया

अदालत ने बीएमसी को बैठकों के लिए अनुमति को लेकर महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:28 PM IST, Published Date : October 5, 2021/6:59 pm IST

मुंबई, पांच अक्टूबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया कि वह बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की स्थायी समिति के सदस्यों को बैठकों में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने की अनुमति क्यों नहीं दे रही है। अदालत ने कहा कि मुंबई की वर्तमान स्थिति से नहीं लगता कि कोविड-19 की तीसरी लहर तुरंत आने वाली है।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ स्थायी समिति के कुछ सदस्यों द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में अनुरोध किया गया है कि उन्हें दिन में होने वाली नागरिक निकाय की बैठक में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने की अनुमति दी जाए।

पीठ ने याचिकाकर्ताओं को बैठक में शामिल होने की अनुमति देते हुए कहा कि नगर में स्कूल, कॉलेज, कार्यालय, मॉल आदि में महामारी से पहले के दिनों की तरह काम शुरू हो गया है।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि स्थायी समिति की पिछली बैठक डिजिटल तरीके से आयोजित की गयी थी और उस दौरान कई तकनीकी गड़बड़ियां सामने आयीं। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से बीएमसी को भविष्य की सभी बैठकों को भौतिक रूप से आयोजित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया।

नगर निकाय की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अनिल साखरे ने हालांकि अदालत से कहा कि केवल स्थायी समिति के अध्यक्ष तथा विपक्षी दलों के सदस्यों को ही दिन की बैठक में भौतिक रूप से शामिल होने की अनुमति दी गयी थी। साखरे ने कहा कि बाकी सदस्यों को डिजिटल तरीके से इसमें शामिल होना था।

उच्च न्यायालय ने कहा कि उसे जनहित याचिका में ठोस वजह नजर आयी और उसने याचिकाकर्ताओं के अनुरोध को स्वीकार करना उचित समझा। पीठ ने कहा, ‘मुंबई की मौजूदा स्थिति महामारी की किसी आसन्न तीसरी लहर की ओर संकेत नहीं करती है। स्कूल और कॉलेज फिर से खुल गए हैं तथा बच्चे स्कूल और कॉलेजों में भौतिक रूप से भाग ले रहे हैं।’

पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र में सभी अदालतें महामारी से पहले के दिनों की तरह काम कर रही हैं, बाजार, मॉल, रेस्तरां आदि फिर से खुल गए हैं। पीठ ने कहा कि ऐसी स्थिति में क्यों स्थायी समिति के अध्यक्ष सहित कुछ सदस्यों को ही प्रत्यक्ष रूप से बैठक में भाग लेने की अनुमति दी जाए।

अदालत ने राज्य सरकार को अगले पांच दिन के भीतर यह फैसला करने का निर्देश दिया कि क्या भविष्य में बीएमसी की स्थायी समिति की बैठकें प्रत्यक्ष रूप से आयोजित की जाएंगी।

भाषा

अविनाश अनूप

अनूप

 

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