शीर्ष नेतृत्व के कहने पर देवेंद्र फडणवीस बने उप मुख्यमंत्री |

शीर्ष नेतृत्व के कहने पर देवेंद्र फडणवीस बने उप मुख्यमंत्री

शीर्ष नेतृत्व के कहने पर देवेंद्र फडणवीस बने उप मुख्यमंत्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : June 30, 2022/10:01 pm IST

मुंबई, 30 जून (भाषा) देवेंद्र फडणवीस ने जब घोषणा की कि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे, तो कई लोग इस राजनीतिक पैंतरेबाजी को देख दंग रह गए क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि 51 वर्षीय भाजपा नेता तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होंगे।

हर किसी को उम्मीद थी कि शिंदे के नेतृत्व वाले समूह के समर्थन से फडणवीस फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे। फडणवीस को भाजपा के शीर्ष नेताओं से अपना विचार बदलने और नई सरकार में शामिल होने के लिए कई तरह के संदेश मिले। लेकिन फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में सरकार में शामिल नहीं होना था, जैसा कि कई लोगों को उम्मीद थी।

फडणवीस ने कहा था कि वह सरकार को बाहर से मदद करेंगे लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि भाजपा के शीर्ष नेताओं ने क्यों फडणवीस को नए मंत्रालय में शामिल होने के लिए कहा। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि जब पार्टी के निर्देशों का पालन करने की बात आती है तो फडणवीस ने एक मिसाल कायम की है।

राज्य में 2019 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान फडणवीस की ‘मी पुन्हा येइन’ (मैं वापस आऊंगा) की टिप्पणी का पिछले ढाई वर्षों में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा मजाक उड़ाया गया। फडणवीस 2014-19 के बीच मुख्यमंत्री के रूप में पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता थे तो वहीं 2019 में बतौर मुख्यमंत्री तीन दिनों का सबसे छोटा कार्यकाल भी उनका ही था। वह फिर से शीर्ष पद पर लौटने के लिए तैयार थे लेकिन तभी उन्होंने घोषणा की कि उनके बजाय शिंदे मुख्यमंत्री होंगे।

इस साल 22 जुलाई को अपना 52वां जन्मदिन मनाने जा रहे भाजपा नेता ने एक कुशल राजनेता के रूप में अपनी साख स्थापित की है, जिनकी पार्टी और राज्य मशीनरी पर पकड़ है।

उन्होंने हाल ही में महाराष्ट्र में राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में भाजपा को बड़ी जीत दिलाई। उन्होंने बिहार और गोवा विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के लिए भी काम किया, जहां वे पार्टी पर्यवेक्षक थे। वह केरल विधानसभा चुनाव के चुनाव प्रभारी भी थे।

नागपुर के एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले फडणवीस के पास कानून में डिग्री, बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी है। उनका राजनीतिक जीवन 1992 में शुरू हुआ जब वे नागपुर नगर निगम में नगरसेवक चुने गए। वे नागपुर के दूसरे सबसे कम उम्र के महापौर थे, इस पद पर वे दो बार रहे। वह नागपुर दक्षिण पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से लगातार पांच बार विधायक रहे हैं।

उनके नेतृत्व में, ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों को जीतकर जमीनी स्तर पर महाराष्ट्र भाजपा की पकड़ बनी। एक विधायक के रूप में, उनकी उत्साही बहस और वित्तीय मुद्दों की समझ को सभी पक्षों द्वारा सराहा गया।

नवंबर 2019 में राकांपा के अजीत पवार के साथ उनकी तीन दिवसीय सरकार महाराष्ट्र के इतिहास में सबसे छोटी सरकार थी।

राज्य में 2019 के विधानसभा चुनावों का जनादेश भाजपा-शिवसेना गठबंधन के लिए था, लेकिन फडणवीस ने परिणाम के बाद की प्रेस वार्ता में खुलासा किया कि शिवसेना को आवर्तन (रोटेशन) के आधार पर मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया गया था जैसा कि उसने दावा किया था। इससे ठाकरे नाराज हो गए जिन्होंने गठबंधन तोड़ दिया और सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिला लिया।

भाषा

प्रशांत माधव

माधव

 

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