उद्धव के आवास के पास ड्रोन: इस्तेमाल पॉड टैक्सी परियोजना के सर्वेक्षण के लिए किया गया था

उद्धव के आवास के पास ड्रोन: इस्तेमाल पॉड टैक्सी परियोजना के सर्वेक्षण के लिए किया गया था

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  • Publish Date - November 9, 2025 / 10:38 PM IST,
    Updated On - November 9, 2025 / 10:38 PM IST

मुंबई, नौ नवंबर (भाषा) मुंबई में उद्धव ठाकरे के आवास के पास ड्रोन देखे जाने के बाद शिवसेना (उबाठा) द्वारा लगाये गए ‘निगरानी’ के आरोपों के बीच, मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने रविवार को स्पष्ट किया कि यूएवी का इस्तेमाल पुलिस की पूर्व अनुमति से पॉड टैक्सी परियोजना सर्वेक्षण के लिए किया गया था।

आदित्य ठाकरे की पोस्ट पर प्रतिक्रिया जताते हुए, मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने कहा कि ड्रोन कवायद बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के साथ पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीओडी या पॉड) टैक्सी परियोजना के लिए अनुमोदित संरेखण के दृश्य अध्ययन में सहायता के लिए किया गया था।

प्राधिकरण ने अनुज्ञाधारी की ओर से पुलिस विभाग से सभी आवश्यक अनुमोदन प्राप्त कर लिए थे तथा पिछले दो दिनों में किए गए सर्वेक्षण की निगरानी पुलिस कर्मियों और संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई थी।

उसने कहा कि यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर क्रियान्वित की जा रही है और योजना के अनुसार आगे बढ़ रही है।

बांद्रा क्षेत्र में ठाकरे परिवार के अति-सुरक्षित आवास मातोश्री के पास ड्रोन देखे जाने के बाद, आदित्य ने आरोप लगाया कि देश एक ‘निगरानी राज्य’ में बदल रहा है।

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज हमारे घर की ड्रोन से निगरानी एक शर्मनाक घटना है, फिर भी हम जिस तरह के निगरानी राज्य में रह रहे हैं, उसे देखते हुए हमें इससे कोई आश्चर्य नहीं हुआ है।’’

एमएमआरडीए ने दोहराया कि एमएमआरडीए ने पुलिस विभाग से अनुज्ञाधारी की ओर से सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर ली थीं, तथा उनके द्वारा जारी किए गए प्रत्येक निर्देश का सख्ती से पालन किया गया था।

एजेंसी ने बताया कि प्रमाणित ड्रोन ऑपरेटर का पृष्ठभूमि सत्यापन पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है और उसने अधिकारियों द्वारा जारी सभी निर्देशों का पालन किया। एजेंसी ने बताया कि संचालन पूरी तरह से अनुमत मार्ग तक ही सीमित रहा।

एमएमआरडीए ने कहा, ‘संचालन पूरी तरह से स्वीकृत मार्ग के अनुरूप रहा और किसी भी स्तर पर कोई उल्लंघन नहीं हुआ।’

भाषा अमित नरेश

नरेश