दिल्ली में प्रायोगिक आधार पर किए गए कृत्रिम बारिश के परीक्षण: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी
दिल्ली में प्रायोगिक आधार पर किए गए कृत्रिम बारिश के परीक्षण: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी
पुणे, दो नवंबर (भाषा) पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के सचिव एम रविचंद्रन ने रविवार को कहा कि नयी दिल्ली में हाल में कृत्रिम बारिश का परीक्षण पूरी तरह से प्रायोगिक आधार पर किया गया था।
उन्होंने कहा कि ऐसे परीक्षण उन्हें अंजाम देने से पहले उनकी व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए आवश्यक हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयोग सफल या असफल हो सकते हैं। रविचंद्रन मौसम बदलाव पर 11वें डब्ल्यूएमओ वैज्ञानिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान पहुंचे थे।
पिछले महीने, दिल्ली सरकार ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में कृत्रिम बारिश के परीक्षण किए, ताकि शहर के वायु प्रदूषण संकट को कम किया जा सके।
हालांकि, कांग्रेस ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि एक या दो दिन के लिए सीमित क्षेत्र में मामूली सुधार होना, जैसा कि दावा किया गया, एक ‘क्रूर मज़ाक’ है।
कृत्रिम बारिश के परीक्षणों से संबंधित एक प्रश्न पर रविचंद्रन ने इसे विशुद्ध रूप से एक प्रयोग बताया तथा कहा कि ऐसे प्रयोगों के या तो सकारात्मक या नकारात्मक परिणाम होते हैं।
भाषा आशीष वैभव
वैभव

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