फडणवीस ने लंबित मामलों का विवरण चुनावी हलफनामे में इरादतन नहीं छिपाई थी:अदालत

फडणवीस ने लंबित मामलों का विवरण चुनावी हलफनामे में इरादतन नहीं छिपाई थी:अदालत

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  • Publish Date - September 11, 2023 / 10:40 PM IST,
    Updated On - September 11, 2023 / 10:40 PM IST

नागपुर, 11 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बरी करते हुए यहां की एक अदालत ने कहा है कि उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनावों के लिए हलफनामे में अपने खिलाफ दो आपराधिक मामले लंबित रहने की बात इरादतन नहीं छिपाई थी, ना ही चुनाव जीतने के इरादे से ऐसा किया था।

दीवानी न्यायाधीश संग्राम जाधव ने फडणवीस के खिलाफ दर्ज आपराधिक शिकायत के मामले में उन्हें आठ सितंबर को बरी कर दिया। फडणवीस के खिलाफ लंबित दो आपराधिक मामलों की जानकारी चुनावी हलफनामे में नहीं देने को लेकर उनके खिलाफ यह शिकायत दर्ज कराई गई थी।

अदालत का विस्तृत आदेश सोमवार को उपलब्ध हुआ।

अदालत ने कहा कि फडणवीस ने दो लंबित मामलों का विवरण इरादतन नहीं छिपाया था।

इसने कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 ए आरोपी को जिम्मेदार नहीं ठहराता है और उन्हें दोषी ठहराने के लिए उसके इरादे को साबित करना जरूरी है।

अदालत ने कहा कि यदि एक उम्मीदवार का सहयोगी कुछ जानकारी जुटाने में विफल रहता है, तो उस गलती के लिए उम्मीदवार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि मौजूदा मामले में, फडणवीस ने अपने खिलाफ लंबित सभी आपराधिक मामलों का विवरण जुटाने के लिए एक वकील की मदद ली।

अदालत ने कहा, ‘‘यह एक अनुचित तर्क है कि आरोपी (फडणवीस) या आम आदमी अपना सारा कामकाज छोड़कर अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए विभिन्न अदालतों में भटके।’’

अदालत ने कहा कि फडणवीस ने चुनावी हलफनामे में उनके खिलाफ लंबित 22 मामलों का उल्लेख किया था जो अधिक गंभीर प्रकृति के हैं, और दो मामूली आपराधिक मामलों को छिपाने से उनके किसी खास उद्देश्य की पूर्ति नहीं होती।

सतीश उइके नाम के एक अधिवक्ता ने अर्जी दायर कर फडणवीस के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही का अनुरोध किया था। अधिवक्ता ने आरोप लगाया था भाजपा नेता के खिलाफ 1996 और 1998 के बीच धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा के मामले दर्ज किये गये थे, लेकिन उन्होंने चुनावी हलफनामे में इसका उल्लेख नहीं किया।

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप