बीमा में ‘देरी’ को लेकर किसान ने पालघर बैंक के बाहर भैंस का शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया

बीमा में ‘देरी’ को लेकर किसान ने पालघर बैंक के बाहर भैंस का शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया

बीमा में ‘देरी’ को लेकर किसान ने पालघर बैंक के बाहर भैंस का शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया
Modified Date: November 2, 2025 / 02:54 pm IST
Published Date: November 2, 2025 2:54 pm IST

पालघर, दो नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक किसान ने अपनी भैंस के शव को राष्ट्रीयकृत बैंक के बाहर रखकर नाटकीय तरीके से विरोध प्रदर्शन किया जिसके चलते मौके पर भीड़ एकत्र हो गई। उसने बैंक से बीमा संबंधी क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाने वाली राशि के तुरंत भुगतान की मांग की है।

पुलिस ने रविवार को बताया कि शनिवार को बैंक अधिकारी ने एक महीने के भीतर क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाने वाली राशि के भुगतान का आश्वासन दिया जिसके बाद 10 मिनट तक चले विरोध प्रदर्शन को किसान ने समाप्त किया।

इस विरोध प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया मंच पर वायरल हो गया है। वीडियो में मृत भैंस बैंक के प्रवेश द्वार के बाहर पड़ी दिख रही है। इन वीडियो से बीमा दावों में होने वाली देरी को लेकर बहस छिड़ गई है जिसकी वजह से किसान कर्ज और नुकसान से परेशान हैं।

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जिले के तकपाडा गांव के एक पशुपालक नवसु डीघा ने 2022 में बैंक की मोखाडा शाखा से 12 लाख रुपये का ऋण लेकर 10 दुधारू भैंसें खरीदी थीं।

डीघा ने दावा किया कि जानवरों का बीमा कराने के बावजूद पिछले तीन वर्षों में मरी दो भैंसों के लिए उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला।

शनिवार को डीघा एक वाहन(ट्रैक्टर) पर मृत भैंस का शव लेकर पहुंचे और वाहन को स्थानीय बैंक शाखा के बाहर खड़ा कर दिया।

डीघा ने दावा किया, ‘मेरी भैंसों का बीमा होने के बावजूद मुझे मुआवजे के रूप में एक रुपया भी नहीं मिला है। बैंक की लापरवाही के कारण हम किसानों को धोखा दिया जा रहा है।’’

उसने प्रदर्शन के दौरान चेतावनी दी, “अगर जल्द ही पैसा नहीं दिया गया तो मैं मृत भैंस को यहीं छोड़ दूंगा। जब तक मुझे भुगतान नहीं होता तब तक बैंक इसे अपने पास रखे।”

स्थानीय किसान नेता और राजनीतिक प्रतिनिधि भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और भीड़ को नियंत्रित करने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तुरंत पुलिस को बुलाया गया।

बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हस्तक्षेप कर लिखित आश्वासन दिया कि डीघा और अन्य प्रभावित किसानों को बीमा कंपनी के माध्यम से 31 दिनों के भीतर मुआवजे का भुगतान कर दिया जाएगा।

इस आश्वासन के बाद डीघा और अन्य किसानों ने विरोध प्रदर्शन स्थगित कर दिया और उन्होंने कहा कि यदि वादा पूरा नहीं किया गया तो वे फिर से विरोध शुरू करेंगे।

मोखाडा के सहायक पुलिस निरीक्षक प्रेमनाथ ढोले ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बैंक द्वारा “लिखित आश्वासन” देने के बाद मामला शांत हो गया और किसान अपनी मृत भैंस के साथ वापस चला गया।

भाषा प्रचेता संतोष

संतोष


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