बीए.2.38 से होने वाला संक्रमण हल्का, स्वयं सीमित होने वाली प्रकृति का है : कोविड-19 अध्ययन |

बीए.2.38 से होने वाला संक्रमण हल्का, स्वयं सीमित होने वाली प्रकृति का है : कोविड-19 अध्ययन

बीए.2.38 से होने वाला संक्रमण हल्का, स्वयं सीमित होने वाली प्रकृति का है : कोविड-19 अध्ययन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : June 22, 2022/6:16 pm IST

पुणे(महाराष्ट्र), 22 जून (भाषा) ओमीक्रोन के उप स्वरूप बीए.2 और इससे उत्पन्न बीए.2.38 से संक्रमित हुए ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी तथा संक्रमण हल्का और स्वयं सीमित होने वाली प्रकृति का था। एक क्लिनिकल सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है।

अध्ययन का नेतृत्व बी जे मेडिकल कॉलेज के डॉ. राजेश कार्यकर्ते ने किया। यह अध्ययन 116 मरीजों पर किया गया। वे बीए.2.38 से संक्रमित थे, जो ओमीक्रोन के उप स्वरूप बीए.2 से उत्पन्न है।

डॉ. कार्यकर्ते ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि उनहोंने अप्रैल से जून तक कुछ नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया और रिपोर्ट सरकार को भेज दी।

उन्होंने कहा, ‘‘विश्लेषण के दौरान हमने पाया कि बीए.2 के साथ-साथ बीए 2.38 भी मौजूद हैं। ’’

उन्होंने बताया कि रिपोर्ट सरकार और भारतीय सार्स-कोवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकॉग) को सौंप दी गई है तथा एक बैठक में यह बताया गया कि बीए.2.38 की मौजूदगी बीए.2 जैसी है।

डॉ कार्यकर्ते ने कहा, ‘‘इसके बाद हमसे बीए.2.38 का त्वरित अध्ययन करने को कहा गया। हमने फौरन अध्ययन किया, जिसमें 116 मरीजों (बीए.2.38 से संक्रमित) को शामिल किया, जो घर पर थे और संक्रमण से उबर चुके हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने या किसी विशेष इलाज की जरूरत नहीं पड़ी। हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि रोग के लक्षण (बीए.2.38 के) बीए.2 जैसे थे और कोई अन्य लक्षण नहीं पाये गए।’’

उन्होंने कहा कि संक्रमण की संपूर्ण गंभीरता हल्की थी और यह पाया गया कि टीकाकरण से इसकी गंभीरता कम करने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक प्रतिशत मरीज को कोविड का टीका नहीं लगा था।

डॉ कार्यकर्ते ने कहा, ‘‘अपने अध्ययन में हमने पाया कि ओमीक्रोन का उप स्वरूप और इससे उत्पन्न वायरस समान गति से वृद्धि करते हैं। ’’

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. वैभव पुरांदरे ने कहा, ‘‘जहां तक बीए.2.38 की बात है इससे होने वाले संक्रमण की प्रकृति हल्की और स्वयं सीमित होने वाली प्रकृति का है। ’’

उन्होंने कहा कि कोविड के स्वरूप आते जाते रहेंगे और यह रोग स्थानिक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह स्वाइन फ्लू या अन्य इंफ्लूएंजा जैसा हो जाएगा।

भाषा सुभाष माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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