किरीट सोमैया को कोल्हापुर जाने से रोका गया, शिवसेना और भाजपा के बीच वाद-विवाद |

किरीट सोमैया को कोल्हापुर जाने से रोका गया, शिवसेना और भाजपा के बीच वाद-विवाद

किरीट सोमैया को कोल्हापुर जाने से रोका गया, शिवसेना और भाजपा के बीच वाद-विवाद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : September 20, 2021/6:33 pm IST

पुणे (महाराष्ट्र), 20 सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने सोमवार को दावा किया कि कोल्हापुर जाते समय पुलिस ने उन्हें महाराष्ट्र के सातारा जिले के कराड़ में ही रोक दिया।

उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुशरिफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के सोमैया के आरोपों के बाद जिला अधिकारियों ने कानून व्यवस्था और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए उन्हें कराड़ में रोका।

कोल्हापुर जाने से रोके जाने के बाद सोमैया ने कराड़ में संवाददाताओं से कहा कि इससे पहले रविवार की रात मुंबई पुलिस ने उन्हें कोल्हापुर के लिए ट्रेन में सवार होने से रोका था और उनके साथ धक्का-मुक्की भी हुयी थी ।

भाजपा नेता ने यह भी कहा कि वह जल्द ही कोल्हापुर के कागल जाएंगे और मंत्री के खिलाफ कथित अनियमितताओं को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे। मुशरिफ इसी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।

घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुये सत्तारूढ़ शिवसेना ने आरोप लगाया कि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करना चाहती है जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मंत्रियों द्वारा पद का दुरुपयोग करने और भ्रष्टाचार में लिप्त रहने का आरोप लगाया।

कुछ दिन पहले सोमैया ने ग्रामीण विकास मंत्री एवं कोल्हापुर जिले के कागल से विधायक मुशरिफ पर भ्रष्टाचार में संलिप्त रहने तथा रिश्तेदारों के नाम पर ‘बेनामी’ संपत्ति रखने का आरोप लगाया था। मुशरिफ ने सभी आरोपों को खारिज किया है।

कोल्हापुर जाने के लिए रविवार रात मुंबई में महालक्ष्मी एक्सप्रेस में सवार हुए सोमैया ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘ पुलिस ने मुझे कराड में निषेधाज्ञा के तहत रोका।’’

कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक शैलेश बलकावड़े ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि जिला पुलिस की एक टीम कराड पहुंची और सोमैया को कराड रेलवे स्टेशन पर रोका गया और (निषेधात्मक) आदेश की एक प्रति दी गई।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ जब हमने उन्हें बताया कि उन्हें जिले में प्रवेश करने से मना किया गया है, तो उन्होंने सहयोग किया और अब वह कराड में एक संवाददाता सम्मेलन करने के बाद वापस लौटेंगे।’’

सोमैया ने रविवार को कोल्हापुर कलेक्टर राहुल रेखावर के एक आदेश को दिखाया था, जिसमें कहा गया था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के तहत ‘‘उनकी (सोमैया की) जान को खतरा व उनके दौरे के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बिगड़ने आशंका को देखते हुए’’ जिले में उनके प्रवेश पर रोक लगाई गई है।

आदेश में यह भी कहा गया है कि पुलिस गणपति विसर्जन में व्यस्त रहेगी और सोमैया को सुरक्षा मुहैया कराना संभव नहीं होगा।

मुंबई के नवघर थाने के वरिष्ठ निरीक्षक सुनील कांबले ने भी सोमैया को नोटिस जारी कर उनसे कोल्हापुर प्रशासन के आदेश का पालन करने को कहा है। सोमैया का मुलंड स्थित आवास नवघर थाना क्षेत्र में आता है।

सोमैया ने ट्वीट करके इसे उद्धव ठाकरे सरकार की ‘‘दादागीरी’’ करार दिया ।

सोमवार को कराड में संवाददाताओं से बातचीत में सोमैया ने दावा किया कि रविवार की रात पुलिस ने दक्षिण मुंबई स्थित छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसएमटी) पर उन्हें कोल्हापुर की ट्रेन में सवार होने से रोका था ।

उन्होंने यह भी दावा किया कि सीएसएमटी के बाहर इलाके को घेर लिया गया था और उनके साथ धक्का-मुक्की भी की गयी । भाजपा नेता ने कहा, ‘‘सीएसएमटी के बाहर मुझे रोका गया ताकि मेरी ट्रेन छूट जाये ।’’

उन्होंने मुंबई पुलिस पर जालसाजी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने उन्हें कोल्हापुर जिला प्रशासन द्वारा दिया गया एक आदेश सौंपा, जिसमें कहा गया था कि उन्हें मुंबई छोड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा ‘‘ कराड में आज सुबह जब कोल्हापुर पुलिस ने मुझे आदेश की प्रति दी, तो उसमें ऐसा कोई उल्लेख नहीं था कि मुझे मुंबई से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’’

सोमैया ने कहा कि वह ‘‘गरैकानूनी तरीके से उन्हें हिरासत में लेने’’ और मुंबई में जारी आदेश के खिलाफ अदालत का रुख करेंगे।

उन्होंने कहा कि कोल्हापुर जिला प्रशासन के आदेश में उनके वहां जाने पर उनकी जान को खतरे की आशंका का जिक्र है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि मैंने मुशरिफ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मुझपर हमला करने की योजना थी।’’

भाजपा नेता ने कहा कि वह मुशरिफ के खिलाफ 2700 पन्नों की शिकायत के साथ आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और सहकारिता मंत्रालय से संपर्क कर चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी शिकायत के आधार पर, जांच भी शुरू हो गई है। ईडी ने मुझसे अतिरिक्त जानकारी मांगी है और मैं उन्हें वह जानकारी दूंगा।’’

सोमैया ने मुशरिफ से पूछा कि धन शोधन के जरिए उनकी कम्पनी को कथित तौर पर 127 करोड़ रुपये कैसे भेजे गए।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 98 करोड़ रुपये ‘फर्जी’ कम्पनियों के माध्यम से ‘सर सेनापति संताजी घोरपड़े शुगर फैक्ट्री लिमिटेड’ (जिसमें मुशरिफ के परिवार के सदस्य निदेशक हैं) को हस्तांतरित किए गए थे।

उन्होंने मुशरिफ पर घोटाला करने का आरोप लगाया। उन्होंने मुशरिफ पर अप्पा साहेब गढ़िंगलाज सहकारी चीनी मिल में भी 100 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया और कहा कि इससे संबंधित दस्तावेज वह प्रवर्तन निदेशालय को सौंपेंगे ।

सोमैया ने दावा किया कि पिछले साल बिना किसी बोली प्रक्रिया के यह चीनी मिल एक निजी कंपनी को दी गई, जिसके पास चीनी मिल चलाने का अतीत का कोई अनुभव नहीं था । सोमैया ने आरोप लगाया कि इस ‘बेनामी’ कंपनी का स्वामित्व मुशरिफ का दामाद के पास है।

इस बीच मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत में शिवसेना सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है और केंद्र के इशारे पर राज्य की छवि खराब कर रही है।

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार है, जिसमें शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि सोमैया को कोल्हापुर में प्रवेश करने से रोकने का गृह विभाग का फैसला कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिये था ।

उन्होंने कहा, ‘‘मैने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की और उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय का इससे कोई लेना देना नहीं है।’’ राज्यसभा सदस्य ने जोर देकर कहा कि यह बदले की राजनीति नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘किरीट सोमैया प्रकरण को नाटक न बतायें । महाराष्ट्र में लोगों के बीच नाटक एवं थियेटर का बहुत अधिक आदर सम्मान है । इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को निशाना बनाने की कोई जरूरत नहीं है। एक मुख्यमंत्री इस तरह के छोटे मामले में कभी शमिल नहीं होता।’’

राउत ने दावा किया कि गिरफ्तारी और संपत्तियों की कुर्की का डर दिखा कर गैर-भाजपा नेताओं पर दबाव बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हसन मुशरिफ ने इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है और केवल आरोप लगा देने से एमवीए सरकार का कुछ नहीं बिगड़ेगा ।

शिवसेना सांसद ने कहा कि केद्र की (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी सरकार के खिलाफ भी राष्ट्रीय संपत्तियों को बेच देने के आरोप लग रहे हैं ।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप आरोप लगाते हैं तो भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, आर्थिक अपराध शाखा और प्रदेश की पुलिस जैसी राज्य की एजेंसियां बिना किसी पक्षपात के इसकी जांच करेगी ।’’

उन्होंने कहा कि आरोपों में सच्चाई का निर्धारण अदातलें करती हैं लेकिन सरकार को अस्थिर करने का प्रयास काम नहीं करेगा ।

इस बीच, भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने इस कदम को तानाशाही वाला बताया और कहा कि ठाकरे सरकार सोमैया की आवाज को दबा नहीं सकती। उन्होंने कहा कि भाजपा और सोमैया भ्रष्टाचार के इन मामलों को तार्किक परिणति तक पहुंचाएंगे।

उन्होंने कहा कि यह पद का दुरुपयोग है और मुशरिफ को चीनी मिल को हस्तांतरित धन के बारे में प्रवर्तन निदेशालय को जवाब देना चाहिये ।

पाटिल ने जानना चाहा कि सोमैया के कोल्हापुर में प्रवेश करने से रोकने के लिये आदेश जारी करने की क्या जरूरत थी ।

उन्होने यहां संवाददाताओं से कहा कि कलेक्टर के अनुसार, अगर वहां जाने से सोमैया को खतरा था तो उन्हें इसे रोकना चाहिये था । उन्होंने दावा किया कि एमवीए सरकार के मंत्रियों के बीच आपस में समन्वय नहीं है ।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सरकार चलाने का क्या यही तरीका है। गृह विभाग अगर कोई निर्णय करता है तो मुख्यमंत्री को उसकी जानकारी नहीं होती है। जब एमवीए सरकार का गठन हुआ था तो मैने उद्धव ठाकरे को सुझाव दिया था कि वह गृह मंत्रालय राकांपा को नहीं दें ।’’

उन्होंने एमवीए मंत्रियों की भ्रष्टाचार में शामिल रहने के लिये आलोचना की और कहा कि उन्हें इस बात का डर नहीं है कि उनके कृत्य को अदालत में चुनौती दी जा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘दहशत फैलाने के बदले कानूनी लड़ाई लड़िये । अगर मुशरिफ के समर्थक सोमैया पर एक भी पत्थर फेकेंगे, तो यह आपके (महाराष्ट्र सरकार) लिये बहुत महंगा साबित होगा ।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना और राकांपा के नेता भाजपा के रडार में हैं, पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी आम लोगों के साथ हो रहे ‘‘अन्याय’’ तथा महिलाओ के खिलाफ अत्याचार जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

भाषा रंजन रंजन मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)