श्रम के प्रति सम्मान की भावना नहीं होना, बेरोजगारी के मुख्य कारणों में से एक है: भागवत |

श्रम के प्रति सम्मान की भावना नहीं होना, बेरोजगारी के मुख्य कारणों में से एक है: भागवत

श्रम के प्रति सम्मान की भावना नहीं होना, बेरोजगारी के मुख्य कारणों में से एक है: भागवत

:   Modified Date:  February 5, 2023 / 10:26 PM IST, Published Date : February 5, 2023/10:26 pm IST

मुंबई, पांच फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि श्रम के प्रति सम्मान की भावना नहीं होना देश में बेरोजगारी के मुख्य कारणों में से एक है।

भागवत ने लोगों से सभी तरह के काम का सम्मान करने का आग्रह करते हुए उनसे नौकरियों के पीछे भागना बंद करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि दुनिया का कोई भी समाज 30 फीसदी से ज्यादा रोजगार सृजित नहीं कर सकता।

उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘लोग चाहें किसी भी तरह का काम करें, उसका सम्मान किया जाना चाहिए। श्रम के लिए सम्मान की कमी समाज में बेरोजगारी के प्रमुख कारणों में से एक है। काम के लिए चाहे शारीरिक श्रम की आवश्यकता हो या बुद्धि की, चाहे इसके लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता हो या ‘सॉफ्ट’ कौशल की – सभी का सम्मान किया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हर कोई नौकरी के पीछे भागता है। सरकारी नौकरियां केवल 10 प्रतिशत के आसपास हैं, जबकि अन्य नौकरियां लगभग 20 प्रतिशत हैं। दुनिया का कोई भी समाज 30 प्रतिशत से अधिक नौकरियां उत्पन्न नहीं कर सकता।’’ उन्होंने कहा कि जिस कार्य में श्रम की जरूरत होती है, उसका अभी भी सम्मान नहीं किया जाता।

उन्होंने कहा कि देश में ऐसे बहुत से किसान हैं जो खेती से बहुत अच्छी आय अर्जित करने के बावजूद विवाह करने के लिए संघर्ष करते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व में स्थिति देश के ‘विश्वगुरु’ बनने के अनुकूल है।

उन्होंने कहा कि देश में कौशल की कोई कमी नहीं है, लेकिन हम दुनिया में प्रमुखता हासिल करने के बाद अन्य देशों की तरह नहीं होंगे।

उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त अस्पृश्यता का संतों और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जैसे जानेमान लोगों ने विरोध किया। आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘अस्पृश्यता से परेशान होकर, डॉ. आंबेडकर ने हिंदू धर्म छोड़ दिया लेकिन उन्होंने किसी अन्य धर्म को नहीं अपनाया और गौतम बुद्ध द्वारा दिखाए गए मार्ग को चुना। उनकी शिक्षाएं भारत की सोच में भी बहुत गहराई तक समाई हुई हैं।’’

भाषा अमित नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)