लातूर, 10 दिसंबर (भाषा) आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने रविवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल मराठा और अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) में खाई पैदा कर संघर्ष कराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता के ‘सपने को पूरा नहीं होने दें।’’
जरांगे लातूर जिले के औसा शहर में आयोजित एक रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की लड़ाई की मंजिल अब दूर नहीं है।
जरांगे ने कहा, ‘‘हमें इस युद्ध को जीतना है। समुदाय पिछले 70 साल से आरक्षण का इंतजार कर रहा है।’’
जरांगे और प्रमुख ओबीसी नेता भुजबल के बीच तीखी जुबानी जंग चल रही है, क्योंकि राकांपा मंत्री ने मराठों को कुनबी के रूप में पहचान कर उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल करने की जरांगे की मांग का विरोध किया था।
उन्होंने कहा कि भुजबल को माहौल खराब नहीं करना चाहिए क्योंकि जरूरत पड़ने पर मराठा और ओबीसी एक-दूसरे की मदद के लिए हाथ बढ़ाते हैं और वे सद्भाव से रहते हैं।
कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘मंत्री का सपना दो समुदायों के बीच दरार पैदा कर दंगे भड़काना है। लोगों को उन्हें अपना सपना पूरा नहीं करने देना चाहिए।’’ उन्होंने मराठा समुदाय को सतर्क और सयंमित रहने की अपील की।
जरांगे ने कहा, ‘‘समुदाय के करीब 150 सदस्यों ने आरक्षण के लिए अबतक बलिदान दिया है। हम इन बलिदानों को जाया नहीं जाने देंगे। नशे से दूर रहें ताकि कोई आपको प्रगति से नहीं रोक सके। इस प्रकार, समुदाय को दुनिया में उसकी सफलता से जानेगी।
ओबीसी नेता की हालिया कथित विवादित टिप्पणी के संदर्भ में जरांगे ने कहा, ‘‘हमें हंसिये की भाषा नहीं सिखाएं, हमारे पास भी कुछ है। ’’उन्होंने राज्य सरकार की भी आलोचना करते हुए उस पर आरक्षण आंदोलन को पटरी से उतारने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया।
जरांगे ने कहा कि उदाहरण के लिए चिकित्सकों की टीम ने घोषणा कर दी थी कि उनके गुर्दे नहीं हैं। यह कुछ नहीं बल्कि साजिश थी।
भुजबल मराठाओं को आरक्षण का लाभ देने के लिए उन्हें ओबीसी समुदाय में शामिल करने की मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की योजना का विरोध कर रहे हैं।
भाषा धीरज नरेश
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