वकील की हत्या: उच्च न्यायालय ने सुरक्षा गार्ड की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी

वकील की हत्या: उच्च न्यायालय ने सुरक्षा गार्ड की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी

वकील की हत्या: उच्च न्यायालय ने सुरक्षा गार्ड की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी
Modified Date: November 10, 2025 / 04:59 pm IST
Published Date: November 10, 2025 4:59 pm IST

मुंबई, 10 नवंबर (भाषा) मुंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई की वकील पल्लवी पुरकायस्थ की 2012 में हत्या के लिए एक सुरक्षा गार्ड की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा सोमवार को बरकरार रखी।

न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार और पुरकायस्थ के पिता द्वारा दायर अपील खारिज कर दीं, जिसमें दोषी सज्जाद मुगल पठान की आजीवन कारावास की सजा बढ़ाने का अनुरोध किया गया था।

अदालत ने पठान द्वारा दायर अपील भी खारिज कर दी, जिसमें उसने अपनी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती दी थी।

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पेशे से वकील पुरकायस्थ की हत्या के लिए एक सत्र अदालत ने जुलाई 2015 में, पठान को दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी।

निचली अदालत ने यह देखते हुए कि यह मामला ‘दुर्लभतम’ श्रेणी में नहीं आता, पठान को मृत्युदंड देने से इनकार कर दिया था।

मुंबई में जिस इमारत में पुरकायस्थ रहती थीं, वहां सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत पठान को हत्या, छेड़छाड़ और आपराधिक अनधिकृत प्रवेश का दोषी ठहराया गया था।

दिल्ली स्थित एक आईएएस अधिकारी की बेटी, पुरकायस्थ, अभिनेता-निर्देशक फरहान अख्तर की कंपनी एक्सेल एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड में कानूनी सलाहकार के रूप में कार्यरत थीं। वह और उनके साथी अविक सेनगुप्ता मुंबई के वडाला इलाके में एक किराये के फ्लैट में रहते थे। नौ अगस्त 2012 को, पुरकायस्थ अपने फ्लैट में मृत मिली थीं, उनकी हत्या कर दी गई थी।

शहर की पुलिस ने पठान को अगले दिन मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया, इससे पहले कि वह सूरत के लिए ट्रेन पकड़ पाता, जहां से उसने कथित तौर पर अपने मूल स्थान जम्मू कश्मीर भागने की योजना बनाई थी।

पुलिस के अनुसार, पठान ने हत्या से कुछ समय पहले जानबूझकर पुरकायस्थ के फ्लैट की बिजली काट दी थी, जिसके बाद उन्हें इलेक्ट्रीशियन बुलाकर बिजली ठीक करवानी पड़ी, जिससे पठान को उनके घर में घुसने और चाबियों का एक सेट चुराने का मौका मिल गया।

आठ और नौ अगस्त की दरम्यानी रात को, पठान चाबियों का इस्तेमाल करके घर में घुसा और पुरकायस्थ के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की।

जब उसने विरोध किया और भागने की कोशिश की, तो उसने उसका गला रेत दिया और घर से भाग गया। नौ अगस्त की सुबह, अविक काम से घर लौटे तो उन्होंने पुरकायस्थ का शव खून से लथपथ पाया।

फरवरी 2016 में, नासिक जेल अधिकारियों ने पठान को पैरोल दे दी, लेकिन वह दी गई अवधि के बाद वापस जेल नहीं लौटा। बाद में उसे 2023 में गिरफ़्तार कर लिया गया।

भाषा अमित मनीषा

मनीषा


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