वोट चोरी का आरोप लगाने वाले नेता चुनावी हार के लिए खुद को दिलासा दे रहे हैं: फडणवीस

वोट चोरी का आरोप लगाने वाले नेता चुनावी हार के लिए खुद को दिलासा दे रहे हैं: फडणवीस

वोट चोरी का आरोप लगाने वाले नेता चुनावी हार के लिए खुद को दिलासा दे रहे हैं: फडणवीस
Modified Date: August 24, 2025 / 08:35 pm IST
Published Date: August 24, 2025 8:35 pm IST

नागपुर, 24 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाने वाले नेता अपनी चुनावी हार पर आत्मचिंतन करने के बजाय इसके (हार के) लिए अपने कार्यकर्ताओं को सांत्वना देने के वास्ते ऐसा कर रहे हैं।

फडणवीस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को कहा कि वह 2016 से ही ‘वोट चोरी’ की बात करते रहे हैं।

ठाकरे ने कहा कि निर्वाचन आयोग को तब जांच करनी चाहिए थी जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अनुराग ठाकुर दोनों ने मतदाता सूची में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।

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फडणवीस ने परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘शायर गालिब ने एक बार कहा था ‘दिल बहलाने के लिए ख्याल अच्छा है’। मैं कहना चाहता हूं कि वे (नेता) चुनाव में अपनी हार के पीछे किसी साजिश का आरोप लगाकर खुद को और अपने कार्यकर्ताओं को दिलासा देने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं कि उन्हें अपनी हार पर आत्मचिंतन करना चाहिए, वरना वे कभी नहीं जीत पाएंगे।’’

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोलते ज्यादा हैं, लेकिन काम कम करते हैं, फडणवीस ने कहा, ‘‘आप मुझसे खरगे जी के बारे में क्यों पूछ रहे हैं? वह बहुत सी बातें बोलते हैं, और हम उन्हें गंभीरता से नहीं लेते। वह ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जिन्हें गंभीरता से लिया जाए।’’

मुख्यमंत्री ने राज ठाकरे की उनसे लगातार मुलाकातों और इससे पैदा हुए भ्रम के बारे में पूछे गए सवालों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का महायुति गठबंधन अटूट है।

फडणवीस ने कहा, ‘‘लोगों को भ्रमित होने की कोई जरूरत नहीं है, हमारी महायुति अटूट है। हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे। गठबंधन इस आधार पर तय नहीं होता कि हमसे कौन मिलता है, न ही ऐसी मुलाकातों से राजनीति तय होती है। महायुति लड़ेगी और जीतेगी।’’

भाषा रवि कांत सुरेश

सुरेश

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