मुंबई, 22 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि आनंद तेलतुंबडे और एल्गार परिषद मामले में कुछ अन्य आरोपी जेल से जो पत्र लिख रहे थे, उनमें आपत्तिजनक सामग्री थी।
एनआईए ने तेलतुंबडे की पत्नी रमा द्वारा दायर याचिका के जवाब में बृहस्पतिवार को अदालत में एक हलफनामा दाखिल किया। याचिका में रमा ने दावा किया है कि जेल में कैद आरोपी तक रिश्तेदारों के पत्र नहीं पहुंच पा रहे है, ना ही आरोपियों का पत्र उनके परिवारों तक पहुंच रहा।
याचिका में कहा गया है कि यह उनके मूल अधिकारों का हनन है।
जांच एजेंसी ने अदालत से कहा कि नवी मुंबई में तलोजा जेल अधिकारियों ने तेलतुंबडे और अन्य द्वारा प्राप्त किये गये और उन्हें भेजे गये पत्रों की पड़ताल की। एजेंसी ने कहा कि तेलतुंबडे ‘‘मिस्टर रियाज’’ को पत्र लिख रहे थे और उनमें एल्गार परिषद के सिलसिले में साजिश रचने से जुड़े आरोप थे तथा (सह आरोपी) रोना विल्सन के कंप्यूटर में पत्र डालने से जुड़े आरोप लगाने वाले आलेख भी थे।
एनआईए ने दावा किया कि इस तरह का पत्र सीधे तौर पर मुकदमे को प्रभावित करेगा।
उसने एक पत्र और कारवां पत्रिका में तेलतुंबडे के सह आरोपी द्वारा प्रकाशित एक आलेख का भी जिक्र करते हुए उन्हें आपत्तिजनक बताया।
एजेंसी ने कहा कि जेल अधिकारियों ने तेलतुंबडे और अन्य आरोपियों को अपने परिवार के सदस्यों से पत्राचार करने या वकीलों से बात करने से नहीं रोका था, बल्कि सिर्फ वैसे पत्र अपने पास रख लिये लिए जिनमें आपत्तिजनक सामग्री थी।
अदालत के इस विषय पर आगे की सुनवाई अगले महीने करने की संभावना है।
दलित विद्वान तेलतुंबडे और वामपंथ की ओर झुकाव रखने वाले कार्यकताओं सहित 15 अन्य को माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
भाषा सुभाष पवनेश
पवनेश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
साल 2014 के विस चुनाव के बाद भाजपा के समर्थन…
16 hours ago