महाराष्ट्र: सरपंचों और नगर परिषदों के प्रमुखों के सीधे चुनाव के लिए विधेयक दोबारा पेश किया गया |

महाराष्ट्र: सरपंचों और नगर परिषदों के प्रमुखों के सीधे चुनाव के लिए विधेयक दोबारा पेश किया गया

महाराष्ट्र: सरपंचों और नगर परिषदों के प्रमुखों के सीधे चुनाव के लिए विधेयक दोबारा पेश किया गया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : August 18, 2022/1:02 am IST

मुंबई, 17 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने गांव के सरपंच और नगर परिषद के प्रमुखों का मतदाताओं द्वारा सीधे चुनाव कराने के लिए संशोधन का प्रस्ताव करने वाला एक विधेयक बुधवार को दोबारा पेश किया।

महाराष्ट्र ग्राम पंचायत (संशोधन) विधेयक, 2022 को राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन ने मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा में पेश किया।

इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना सरकार द्वारा यह विधेयक पेश किया गया था और चुनाव करवाए गए थे। बाद में, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने फिर से नियमों में बदलाव किया और पार्षदों को सरपंच चुनने का मौका दिया।

दोबारा से सत्ता में आने के बाद, शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार ने जुलाई में घोषणा की कि महाराष्ट्र में नगर पंचायतों और नगर परिषदों के अध्यक्ष सीधे लोगों द्वारा चुने जाएंगे।

शिंदे-फडणवीस सरकार ने बुधवार को ऐसे स्थानीय शासी निकायों को तीन महीने का विस्तार देने के लिए महाराष्ट्र जिला परिषद और पंचायत समिति अधिनियम 1961 में संशोधन भी पेश किया, जिनका कार्यकाल बहुत कम अवधि में समाप्त होने वाला है।

पेश किए गए विधेयक के उद्देश्यों के अनुसार, आगामी नगर निकाय और स्थानीय निकाय चुनाव उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुमोदित ओबीसी आरक्षण के अनुसार आयोजित किए जाने हैं। महाराष्ट्र सरकार ने इन स्थानीय निकायों के कार्यकाल को तीन महीने तक बढ़ाने का फैसला किया है।

एक बार पारित हो जाने के बाद, विधेयक को इस साल 14 जुलाई से लागू माना जाएगा। जाता है।

भाषा फाल्गुनी वैभव

वैभव

 

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