पालघर, 29 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के पालघर जिले की एक अदालत ने 25 साल पहले दर्ज एक कथित डकैती के प्रयास के मामले में सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए दो लोगों को बरी कर दिया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एच ए एस मुल्ला द्वारा 15 अक्टूबर को दिए गए इस आदेश की एक प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई।
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, वसई क्षेत्र के मानिकपुर पुलिस थाने की एक गश्ती टीम ने अप्रैल 2000 में एक टेम्पो को रोका, जिसके बारे में सूचना मिली थी कि पांच से छह व्यक्ति डकैती की साजिश रच रहे हैं।
टीम ने एक व्यक्ति को पकड़ लिया, जिसकी पहचान सुनील उर्फ कन्हैया सखाराम अग्रवाल के रूप में हुई, जबकि वाहन में सवार अन्य लोग भागने में सफल रहे।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि पुलिस ने टेंपो से एक चाकू, नकदी और अन्य उपकरण बरामद किए हैं।
इसके बाद अग्रवाल, नादसिंह नागरसिंह (जिनकी अब मृत्यु हो चुकी है) तथा मंदिरसिंह नागरसिंह और कुछ अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया।
अदालत ने कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद दो लोगों का पता नहीं चल पाया है। नादसिंह की मृत्यु के बाद उनके खिलाफ मामला समाप्त कर दिया गया, जिससे केवल अग्रवाल और मंदिरसिंह पर ही मुकदमा चलना बाकी रह गया।
हालांकि, न्यायाधीश ने माना कि अभियोजन पक्ष के साक्ष्य, विशेष रूप से डकैती करने के इरादे को साबित करने के लिए अपर्याप्त थे।
आरोपियों को बरी करते हुए अदालत ने कहा, ‘‘केवल इसलिए कि आरोपियों के पास हथियार थे, कोई यह निर्णायक रूप से नहीं कह सकता कि उनका उद्देश्य केवल डकैती करना था।’’
भाषा तान्या शफीक
शफीक