महाराष्ट्र: अदालत ने धनशोधन मामले में राकांपा के पूर्व विधायक कदम के खिलाफ आरोप तय किये
महाराष्ट्र: अदालत ने धनशोधन मामले में राकांपा के पूर्व विधायक कदम के खिलाफ आरोप तय किये
मुंबई, पांच दिसंबर (भाषा)धनशोधन मामलों की सुनवाई करने वाली यहां की एक विशेष अदालत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पूर्व विधायक रमेश कदम और नौ अन्य के खिलाफ महाराष्ट्र में एक सरकारी निगम से 300 करोड़ रुपये से अधिक की कथित हेराफेरी से जुड़े धन शोधन के मामले में आरोप तय किए हैं।
कथित गबन के समय कदम उस निगम के अध्यक्ष थे।
विशेष न्यायाधीश सत्यनारायण नवंदर ने 28 नवंबर को आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोप तय किए थे, क्योंकि सभी ने खुद को निर्दोष बताया था।
आरोप तय करने से आपराधिक मामले में सुनवाई का रास्ता साफ हो जाता है।
कदम और उनके सहयोगियों पर राज्य द्वारा संचालित साहित्यरत्न लोकशाही अन्नाभाऊ साठे विकास निगम (एसएलएएसडीसी) से लगभग 313 करोड़ रुपये का गबन करने का आरोप है। यह राशि राज्य में मातंग समुदाय के उत्थान के लिए थी।
महाराष्ट्र सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले पिछड़े मातंग समुदाय के सदस्यों की जीवनशैली में सुधार लाने और उन्हें सम्मानजनक स्थिति में लाने के उद्देश्य से 1985 में एसएलएएसडीसी की स्थापना की थी।
सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग के अधीन कार्यरत यह निगम केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करता है।
शुक्रवार को उपलब्ध आरोप आदेश में कहा गया है कि कदम ने 2012 से 2014 तक निगम के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एक ‘‘वास्तविक तानाशाह’’ के रूप में काम किया, तथा मानक प्रक्रियाओं को दरकिनार करने के लिए प्रबंध निदेशकों को मात्र ‘‘रबर स्टैम्प’’ बना दिया।
आरोप तय करने के आदेश में कहा गया कि ‘गरीबी रेखा से नीचे’ रहने वाली आबादी के वित्तीय और सामाजिक विकास के लिए निर्धारित धनराशि को कदम के करीबी सहयोगियों और रिश्तेदारों के नाम पर बनाई गई फर्जी संस्थाओं में भेज दिया गया। इसके मुताबिक बाद में इस राशि का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए अचल संपत्ति और कॉरपोरेट संस्थाएं खरीदने में किया गया।
भाषा धीरज पवनेश
पवनेश

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