महाराष्ट्र: किसान के बेटे ने जेईई मेन्स में शीर्ष रैंक हासिल की

महाराष्ट्र: किसान के बेटे ने जेईई मेन्स में शीर्ष रैंक हासिल की

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  • Publish Date - April 26, 2024 / 03:24 PM IST,
    Updated On - April 26, 2024 / 03:24 PM IST

वाशिम, 26 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के वाशिम जिले के एक किसान के बेटे नीलकृष्ण गजरे ने पिछले दो वर्षों की कड़ी मेहनत और लगन के बूते संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन्स में पूरे भारत में शीर्ष स्थान हासिल किया है।

वाशिम के सुदूर गांव बेलखेड के निवासी नीलकृष्ण ने परीक्षा की तैयारी के लिए कठोर परिश्रम करते हुए हर दिन लगभग 10 घंटे पढ़ाई की।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित जेईई मेन्स के परिणाम बृहस्पतिवार को घोषित किए गए।

नीलकृष्ण के पिता निर्मल गजरे ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि बेटे की सफलता पर खुशी जाहिर करने के लिए उनके पास शब्द ही नहीं हैं।

उन्होंने बताया कि नीलकृष्ण ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अकोला के राजेश्वर कॉन्वेंट स्कूल और वाशिम के करंजा लाड के जे.सी. हाई स्कूल से की। इस दौरान वह अपनी एक रिश्तेदार के यहां रहा।

निर्मल गजरे ने कहा, ‘‘ नीलकृष्ण हमेशा से ही प्रतिभाशाली छात्र रहा है और खेल में भी उसका प्रदर्शन अच्छा था। उसने तीरंदाजी में जिला और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगियों में भी भाग लिया।’’

नीलकृष्ण वर्तमान में शेगांव के श्री ज्ञानेश्वर मस्कुजी बुरुंगले विज्ञान एवं कला कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है।

गजरे ने कहा कि वह सुबह चार बजे उठ जाता है जिसके बाद दो घंटे पढ़ाई करता और प्राणायाम करता है। सुबह करीब साढ़े बजे फिर से पढ़ाई शुरू करता है। वह रात 10 बजे तक सो जाता है।

अपने बेटे की सफलता पर बेहद खुश गजरे ने कहा, ‘‘ मैं चाहता था कि वह पढ़ाई और जीवन में कुछ अच्छा करे और मैं उसे इसके लिए प्रेरित करता था। मैं चाहता हूं कि वह हर चीज हासिल करे जो मैं कभी नहीं कर सका।’’

उन्होंने कहा कि नीलकृष्ण की चाहत आईआईटी बॉम्बे में पढ़ने की है और वह जरूर वैज्ञानिक बनेगा।

अपने सपनों को हासिल करने के पहले पड़ाव को पार करने के बाद नीलकृष्ण शेगांव में जेईई-एडवांस्ड की तैयारी कर रहा है। यह परीक्षा अगले माह आयोजित की जाएगी।

भाषा खारी पवनेश

पवनेश