महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस से ‘डीपफेक’ वीडियो बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा

महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस से 'डीपफेक' वीडियो बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा

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  • Publish Date - May 3, 2024 / 03:07 PM IST,
    Updated On - May 3, 2024 / 03:07 PM IST

मुंबई, तीन मई (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने राज्य पुलिस को ‘डीपफेक’ वीडियो बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए कहा कि चुनाव के दौरान इस तरह की चीजें चिंता का विषय हैं।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया पर प्रसारित हो रहे ‘डीपफेक’ वीडियो और फर्जी तस्वीरों की संख्या लोकसभा चुनावों के दौरान बढ़ी है।

‘डीपफेक’ एक प्रकार का वीडियो है, जिसमें व्यक्ति की छवि से लेकर उसकी आवाज के साथ डिजिटल माध्यम से छेड़छाड़ की जाती है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, मशीन लर्निंग (एमएल) और कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल कर इस तरह की चीजें की जा रही हैं।

सरकार ने विज्ञप्ति में कहा कि चुनावों के दौरान इस तरह की मशीनरी का इस्तेमाल एक चिंता का विषय है।

सरकार ने कहा कि डीपफेक वीडियो और तस्वीरें गलतफहमियां बढ़ाती हैं और यह मानहानि कारक हैं।

सरकार ने पुलिस महानिदेशक से इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश लगाने और स्वच्छ व पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने को कहा है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, पुलिस को इस तरह के वीडियो और तस्वीरें बनाने व उसे प्रसारित करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।

मुंबई पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ‘डीपफेक’ वीडियो साझा करने के आरोप में युवा कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल और 16 अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जिसके कुछ दिनों बाद यह आदेश आया है।

उस फर्जी वीडियो में भाजपा नेता को कथित तौर पर अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण में कटौती की घोषणा करते हुए देखा व सुना गया था।

भाषा जितेंद्र प्रशांत

प्रशांत