ठाणे, 10 नवंबर (भाषा) ठाणे की एक अदालत ने 2021 में एक महिला चिकित्सक पर हमला करने और उसे लूटने के दोषी को सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत ने कहा कि यह सजा चिकित्सकों को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा के खिलाफ एक कड़ा संदेश देगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वसुधा भोसले ने 31 अक्टूबर को दिए आदेश में दोषी राशिद शकील खान (56) पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
आदेश की एक प्रति शनिवार को उपलब्ध कराई गई।
अतिरिक्त लोक अभियोजक आर पी पाटिल ने अदालत से कहा कि खान तीन जनवरी 2021 को कोरोना वायरस महामारी के दौरान आरटी-पीसीआर जांच के बारे में पूछताछ करने के बहाने महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भायंदर इलाके में डॉ. गायत्री नंदलाल जायसवाल के क्लिनिक में आया। उसे इंतजार करने को कहा गया लेकिन वह नाराज होकर वहां से चला गया।
पाटिल ने बताया कि खान कुछ ही देर में वापस आया और उसने चिकित्सक पर अचानक बेरहमी से हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि खान ने चिकित्सक के सिर पर लोहे के हथौड़े से कई बार और जोर से वार किया।
उन्होंने बताया कि जब चिकित्सक गंभीर रूप से घायल होने के कारण खून से लथपथ पड़ी थीं, तब खान ने उनकी सोने की चेन, एक अंगूठी, एक मोबाइल फोन और 5,000 रुपये नकद चुरा लिए।
आरोपी को भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं और चिकित्सा पेशेवरों एवं चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ हिंसा की रोकथाम अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया।
अदालत ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि शिकायतकर्ता को लगी चोटें ‘गंभीर चोट’ की परिभाषा के दायरे में आती हैं।
अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए उदाहरण पेश करने वाली ऐसी सजा दिए जाने की आवश्यकता है जिससे पीड़िता को न्याय मिल सके, दूसरों को ऐसे अपराध करने से रोकने में मदद मिल सके और यह संदेश दिया जा सके कि चिकित्सकों के विरुद्ध हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उसने निर्देश दिया कि जुर्माने की राशि में से 10,000 रुपये चिकित्सक को दिए जाएं।
अभियोजक ने बताया कि खान के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष के 14 गवाहों से पूछताछ की गई।
भाषा सिम्मी मनीषा
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