महाराष्ट्र सदन घोटाला: अदालत ने कहा, भुजबल के खिलाफ कोई सबूत नहीं

महाराष्ट्र सदन घोटाला: अदालत ने कहा, भुजबल के खिलाफ कोई सबूत नहीं

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  • Publish Date - September 24, 2021 / 11:15 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

मुंबई, 24 सितंबर (भाषा) एक विशेष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह दर्शाने के लिए कोई ‘ठोस दस्तावेज’ नहीं हैं कि महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल और उनके परिजनों को दिल्ली में नए महाराष्ट्र सदन के ठेके में किसी भी तरह का ‘अवैध लाभ’ मिला।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) मामलों की विशेष अदालत ने इस महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र सदन के निर्माण में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता और सात अन्य को बरी कर दिया था।

अदालत ने छगन भुजबल (73) के अलावा उनके पुत्र पंकज, भतीजे समीर तथा पांच अन्य लोगों को आरोप मुक्त कर दिया था। अदालत का विस्तृत आदेश शुक्रवार को उपलब्ध हुआ।

मामले की जांच करने वाले एसीबी ने आरोप लगाया था कि भुजबल और उनके परिवार के सदस्यों को निर्माण कंपनी के एस चमनकर एंटरप्राइजेज से रिश्वत मिली थी। इसी निर्माण कंपनी को राष्ट्रीय राजधानी में राज्य सरकार का नया गेस्ट हाउस बनाने का ठेका मिला था।

एसीबी का आरोप था कि चमनकर एंटरप्राइजेज ने विभिन्न कंपनियों को पैसा हस्तांतरित किया था जिनमें पंकज और समीर भुजबल निदेशक थे।

विशेष न्यायाधीश एच एस सथभाई ने कहा कि साक्ष्य बताते हैं कि चमनकर एंटरप्राइजेज को ठेका देने में कोई गैरकानूनी काम नहीं किया गया था और छगन भुजबल को कंपनी द्वारा रिश्वत या कोई अवैध लाभ नहीं दिया गया था।

राज्य सरकार ने कंपनी को यह ठेका 2005-2006 में दिया था जब राकांपा नेता लोक निर्माण (पीडब्ल्यूडी) मंत्री थे।

भाषा अविनाश प्रशांत

प्रशांत