मुंबई, 14 नवंबर (भाषा) मुंबई की एक विशेष अदालत ने मानसिक समस्या से ग्रस्त 17 वर्षीय लड़के का 2022 में यौन उत्पीड़न करने के मामले में दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
विशेष अदालत के न्यायाधीश पी. एन. राव ने पीड़ित की गवाही स्वीकार करते हुए कहा कि वह गवाह के रूप में पेश होने के लिए सक्षम है, क्योंकि वह प्रश्नों को समझने और तर्कसंगत उत्तर देने में सक्षम है।
अदालत ने कहा कि पीड़ित ने जिरह के दौरान बयान बदला नहीं, जिससे उसकी गवाही में ‘‘सच्चाई की झलक’’ देखी गई।
दोषी को सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा कि यह अपराध एक ऐसे नाबालिग के खिलाफ किया गया था जो मानसिक समस्या से ग्रस्त था।
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘अपराध की प्रकृति निश्चित रूप से गंभीर है, जिसके कारण आरोपी किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं है।’’
अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह घटना 16 नवंबर 2022 को हुई थी। अपराध तब प्रकाश में आया जब पीड़ित की मां ने उसके कपड़े कीचड़ में सने हुए देखे। बाद में, पीड़ित ने अपनी मां की उपस्थिति में अपने भाई को पड़ोसी द्वारा किए गए कृत्य के बारे में बताया।
पीड़ित के परिवार की शिकायत पर कांजुरमार्ग थाने में मामला दर्ज किया गया।
भाषा यासिर नेत्रपाल
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