पुणे, 22 सितंबर (भाषा) अपनी पत्नी की गैरइरादतन हत्या के दोष में कारावास में पांच साल काटने वाले 40 वर्षीय एक व्यक्ति ने महाराष्ट्र कारागार विभाग और सामाजिक संगठनों की सहायता से सांगली जिले में नाई की एक दुकान खोलकर नया जीवन शुरू किया।
पुणे स्थित राज्य कारागार विभाग के कार्यालय में मंगलवार को संतोष अतकर की दुकान के औपचारिक उद्घाटन की घोषणा के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां अतिरिक्त महानिदेशक (कारागार) अतुलचंद्र कुलकर्णी मौजूद थे।
सोलापुर जिले के पंढरपुर कस्बे में 2013 में अतकार और उनकी पत्नी का अपने घर में झगड़ा हो गया था, जिसके बाद महिला गलती से सीढ़ियों से गिर गई थी। उसे चोटें आईं और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां कुछ दिनों के बाद उसकी मौत हो गई थी। अतकर पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया था और 2016 में एक अदालत ने उसे छह साल कैद की सजा सुनाई थी।
अतकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुणे की यरवदा जेल में सजा काटने के दौरान वह जेल में नाई का काम करता था। उसने जेल प्राधिकारियों द्वारा यरवदा क्षेत्र में खोली गई नाई की एक दुकान में भी काम किया था।
उसने कहा, ‘‘मैं जेल से बाहर आने के बाद एक नया जीवन शुरू करना चाहता था और कैदियों के पुनर्वास एवं सुधार पर केंद्रित एक परियोजना के माध्यम से मुझे मदद मिली।’
उसने आजीविका कमाने के लिए जेल विभाग और गैर सरकारी संगठनों भोई प्रतिष्ठान और आदर्श मित्र मंडल की मदद से सांगली जिले की जत तहसील में नाई की एक दुकान खोली है। अतकार ने नया जीवन शुरू करने में मदद करने के लिए जेल विभाग और सामाजिक संगठनों को धन्यवाद दिया।
एडीजी कुलकर्णी ने कहा कि जेल की सजा काटने के बाद कैदी मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं और उन्हें जेल विभाग और समाज से सकारात्मक प्रतिक्रिया की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘जेल सिर्फ जेल ही नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे सुधार गृह बनना चाहिए।’
भाषा सिम्मी शाहिद
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