जालना, 19 सितंबर (भाषा) अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता लक्ष्मण हाके ने बृहस्पतिवार को आरक्षण मुद्दे पर मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना की।
वाडी गोद्री गांव में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हाके ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए 1911 के ‘गजट’ पर विचार करने का अधिकार नहीं है।
हाके ने कहा, ‘अगर सरकार 1911 के ‘गजट’ के आधार पर जीआर जारी करने का विचार कर रही है, तो महाराष्ट्र में ओबीसी आयोग की क्या जरूरत है? अगर एकनाथ शिंदे सरकार जरांगे की बात सुनने के बाद जीआर जारी करती है, तो ओबीसी समुदाय उसी के अनुसार जवाब देगा।’
हाके ने सवाल किया क्या मुख्यमंत्री शिंदे को कानून की जानकारी भी है जो वह आरक्षण के मुद्दे पर इस तरह से कार्य कर रहे हैं।
जरांगे मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार ‘सगे सोयरे’ (रक्त संबंधी) के सिद्धांत पर मराठों को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण देने के लिए 1911 के ‘गजट’ के साथ-साथ सतारा, बॉम्बे और हैदराबाद में उस दौर में प्रकाशित अधिसूचनाओं पर विचार करे।
हाके के नेतृत्व वाले ओबीसी समूहों ने जरांगे की इन मांगों का विरोध किया है।
हाके ने कटाक्ष करते हुए कहा कि 16 सितंबर से अंतरवाली सराटी में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे जरांगे को रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ में शामिल किया जाना चाहिए।
उन्होंने जरांगे से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के चिह्न का इस्तेमाल करते हुए अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने को कहा।
हाके ने कहा, ‘जब तक यह साबित नहीं हो जाता कि मराठा समुदाय सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा है, तब तक उन्हें आरक्षण नहीं दिया जा सकता। कोई भी अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए गए आरक्षण को समाप्त नहीं कर सकता।’
हाके का आंदोलन स्थल वाडी गोद्री जरांगे के आंदोलन स्थल अंतरवाली सराटी से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है।
जालना के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार बंसल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
महाराष्ट्र में मराठा, ओबीसी और अन्य समुदायों द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन के मद्देनजर बीड जिला प्रशासन ने 27 सितंबर तक निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
बीड प्रशासन द्वारा बृहस्पतिवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मराठा, ओबीसी और धनगर जैसे विभिन्न समुदायों के सदस्य आंदोलन कर रहे हैं,
विज्ञप्ति के अनुसार, इस बात की आशंका है कि किसी भी छोटी सी वजह से कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है, इसलिए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के वास्ते 14 से 27 सितंबर तक बीड में निषेधाज्ञा लागू की जाती है।”
आदेश में सरकारी कर्मचारियों को छूट दी गई है।
भाषा योगेश नरेश
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