मराठा आरक्षण के लिए लातूर में रैली : जरांगे ने भुजबल और फडणवीस पर साधा निशाना |

मराठा आरक्षण के लिए लातूर में रैली : जरांगे ने भुजबल और फडणवीस पर साधा निशाना

मराठा आरक्षण के लिए लातूर में रैली : जरांगे ने भुजबल और फडणवीस पर साधा निशाना

:   Modified Date:  July 9, 2024 / 11:26 PM IST, Published Date : July 9, 2024/11:26 pm IST

लातूर, नौ जुलाई (भाषा) मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए आंदोलन कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल पर जातिवाद में लिप्त होने का आरोप लगाया।

जरांगे ने दावा किया कि भुजबल राज्य में मराठा और ओबीसी समुदायों के बीच दरार पैदा करने तथा संभावित रूप से दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।

मध्य महाराष्ट्र के लातूर में एक रैली को संबोधित करते हुए जरांगे ने पिछले साल अगस्त-सितंबर में जालना जिले के अंतरवाली सारथी गांव में मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा। फडणवीस राज्य के गृहमंत्री भी हैं।

जरांगे ने साथ ही उनपर ‘जातिवाद’ में संलिप्त होने के लग रहे आरोपों का खंडन किया। उन्होंने चुनौती दी कि यदि उनके विरोधियों द्वारा ये आरोप साबित कर दिए गए तो वह मराठा समुदाय के सदस्यों को अपना चेहरा नहीं दिखाएंगे।

ओबीसी श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे 41 वर्षीय कार्यकर्ता ने हाल के दिनों में मराठवाड़ा क्षेत्र में अपनी तीसरी रैली में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमुख नेता भुजबल पर निशाना साधा।

उन्होंने आरोप लगाया कि भुजबल मराठा और ओबीसी समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने और संभावित रूप से दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि राज्य में ओबीसी नेता सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अपने समुदाय के सदस्यों को दिए गए 27 प्रतिशत कोटे को बनाए रखने की मांग को लेकर अलग से आंदोलन कर रहे हैं।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘फडणवीस के कहने पर भुजबल ने अंबाड (जालना जिला) में सभी ओबीसी नेताओं को इकट्ठा कर एक रैली आयोजित की। यह रैली उस समय हुई जब मराठा समुदाय का आंदोलन (कोटा के लिए) शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था। अब, क्या यह जातिवाद नहीं है?’’

जरांगे ने कहा, ‘‘कल रात भुजबल ने ओबीसी नेताओं से अंतरवाली सरती में रैली करने को कहा। यह अंतरवाली में अशांति फैलाने की कोशिश थी। लेकिन कुछ नहीं हुआ।’’

उन्होंने कहा कि ये जनसभाएं आरक्षण आंदोलन के नवीनतम दौर के पहले चरण का हिस्सा हैं और ऐसे पांच चरण होंगे।

भाषा

धीरज सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)