मुंबई, 23 जून (भाषा) शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के बगावती तेवरों के कारण महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर संकट गहराने के बीच पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में बृहस्पतिवार को कहा गया कि विश्वासघाती विधायकों को “समय रहते अपने तरीके सुधार लेने” चाहिए।
इसमें कहा गया है कि जो विधायक भाजपा के “दबाव की रणनीति और प्रलोभन” के आगे झुक गए हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि अगर शिवसेना के आम कार्यकर्ताओं ने अपना मन बना लिया तो वे “स्थायी रूप से पूर्व” हो जाएंगे।
शिंदे और शिवसेना के 36 अन्य विधायक के अलावा दस निर्दलीय विधायक फिलहाल गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं। शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया है कि शिवसेना ने कई चुनौतियों का सामना किया है और सत्ता में या उसके बाहर रहने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
संपादकीय में यह स्वीकार किया गया कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार का भाग्य फिलहाल अधर में लटका हुआ है।
सामना के संपादकीय में आगे कहा गया है कि शिवसेना के टिकट पर चुने गए विधायक अब “भाजपा के चंगुल में फंस गए हैं।”
इसमें कहा गया कि सूरत में, महाराष्ट्र भाजपा के सदस्य बागी विधायकों के साथ मौजूद थे, जबकि गुवाहाटी में असम के मंत्री उनका स्वागत करने के लिए थे।
संपादकीय में स्पष्ट रूप से विधायक प्रताप सरनाइक का जिक्र करते हुए कहा गया है, “हाल तक, भाजपा शिवसेना विधायकों पर भ्रष्टाचार और धनशोधन और ईडी, सीबीआई और आईटी जांच की धमकी के आरोप लगा रही थी।”
सरनाइक फिलहाल बागी धड़े के साथ गुवाहाटी में हैं और कथित धनशोधन मामले में उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना किया है।
भाषा
प्रशांत माधव
माधव
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