मुंबई, 27 जनवरी (भाषा) मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो की लाइन-तीन के लिए कार शेड निर्माण के वास्ते 177 पेड़ों को हटाने को लेकर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के नोटिस के खिलाफ शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई।
कार शेड परियोजना के लिए पेड़ों को हटाने की अनुमति मांगने को लेकर मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) की ओर से दायर आवेदन के बाद नागरिक निकाय ने 12 जनवरी को एक नोटिस जारी किया था। इसमें 177 पेड़ों को हटाने को लेकर आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं।
जनहित याचिका में कार्यकर्ता जोरू बथेना ने दावा किया है कि नोटिस नवंबर 2022 के उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है, जिसने केवल 84 पेड़ों को हटाने की अनुमति दी थी।
याचिका में कहा गया है, ‘वृक्ष प्राधिकार द्वारा 12 जनवरी, 2023 को जारी किया गया नोटिस 177 पेड़ों को हटाने के लिए है, जिसमें एमएमआरसीएल के आवेदन की तुलना में पेड़ों की पहचान संख्या का एक अलग सेट है, जो केवल 84 पेड़ों के लिए था।’
उपनगरीय गोरेगांव में आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड परियोजना 2014 से विवादों में घिरी हुई है, पर्यावरणविद उस क्षेत्र में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह एक वन क्षेत्र है।
सत्ता में आने के बाद, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार ने 2019 में कहा था कि कार शेड का निर्माण उपनगरीय कांजुरमार्ग में किया जाएगा, न कि आरे कॉलोनी में।
जून 2022 में, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने फैसले को पलट दिया और कहा कि कार शेड का निर्माण आरे कॉलोनी में ही किया जाएगा।
भाषा सुरेश पवनेश
पवनेश
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