मंत्री कदम ने पुलिस की आपत्ति को दरकिनार कर गैंगस्टर के भाई को हथियार लाइसेंस दिया: शिवसेना(उबाठा)
मंत्री कदम ने पुलिस की आपत्ति को दरकिनार कर गैंगस्टर के भाई को हथियार लाइसेंस दिया: शिवसेना(उबाठा)
मुंबई, नौ अक्टूबर (भाषा) शिवसेना (उबाठा) के नेता अनिल परब ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने ‘गैंगस्टर’ नीलेश घैवाल के भाई को हथियार का लाइसेंस जारी करने की मंजूरी देते समय पुलिस की आपत्तियों को नजरअंदाज किया था।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना से जुड़े कदम ने दावा किया कि नीलेश घैवाल के भाई सचिन घैवाल को लाइसेंस पुलिस रिपोर्ट के अनुसार ही दिया गया था।
परब ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा कि वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलेंगे और कदम को बर्खास्त करने की मांग करेंगे।
परब ने कहा, ‘सचिन घैवाल, हिस्ट्रीशीटर नीलेश घैवाल का भाई है। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सचिन घैवाल की आपराधिक पृष्ठभूमि है और उसका भाई एक कुख्यात गैंगस्टर है। उसके (सचिन) खिलाफ कई मामले दर्ज थे, लेकिन सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया गया था। पुलिस ने उसे हथियार का लाइसेंस देने से भी इनकार किया था।’’
परब ने कहा कि जब सचिन घैवाल ने कदम के समक्ष अपील दायर की तो मंत्री ने अर्ध-न्यायिक प्राधिकारी के रूप में उनके आवेदन को मंजूरी दे दी और यह कहते हुए निर्णय को उचित ठहराया कि वह एक अच्छे व्यक्ति हैं।
कदम ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर स्पष्टीकरण जारी किया।
कदम ने बताया कि पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, सुनवाई की तारीख तक सचिन घैवाल के खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं था, इसलिए आवेदन मंजूर कर लिया गया।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय लेने से पहले घैवाल को बरी करने वाले सभी प्रासंगिक दस्तावेजों और अदालती आदेशों की जांच की गयी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले को किसी अन्य मामले से जोड़ना पूरी तरह से गलत है।’’
इस बीच, परब ने यह भी पूछा कि मुख्यमंत्री फडणवीस कब तक कदम जैसे लोगों को बचाते रहेंगे।
परब ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को क्या परेशानी है कि वह अपने मंत्रिमंडल में ऐसे मंत्रियों को शामिल कर रहे हैं? मैं मुख्यमंत्री से मिलने जा रहा हूं और उनकी (कदम की) बर्खास्तगी की मांग करुंगा। शिवसेना (उबाठा) चुप नहीं बैठेगी।’’
परब और योगेश कदम के पिता रामदास कदम, दोनों रत्नागिरि जिले से हैं और अविभाजित शिवसेना में रहने के समय से ही एक-दूसरे के विरोधी रहे हैं।
हत्या और जबरन वसूली के आरोपों में वांछित नीलेश घैवाल के विदेशी देश भाग जाने का संदेह है, जबकि हाल ही में उसके साथियों द्वारा पुणे शहर में एक व्यक्ति पर कथित रूप से गोली चलाने के मामले में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
गैंगस्टर अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि के बावजूद पासपोर्ट प्राप्त करने में कामयाब रहा, जिससे गृह विभाग को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।
इस बीच, सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने कदम के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र को ऐसे मंत्री को क्यों बर्दाश्त करना चाहिए, जो अपराधियों से जुड़ा है और ‘डांस बार’ का मालिक है।’’
दमानिया ने कदम पर आरोप लगाया, ‘‘पुलिस उपायुक्त की रिपोर्ट/सिफारिश बेहद महत्वपूर्ण है। अगर उस स्तर पर लाइसेंस खारिज किया गया था, तो आमतौर पर यह आपराधिक पृष्ठभूमि के कारण होता है। पुलिस की अस्वीकृति के बाद, आपने लाइसेंस को कैसे और क्यों मंजूरी दी? आपने इसे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को लाइसेंस क्यों दिया? आपको जवाब देना होगा कि आपने पुलिस के फैसले के उलट उसे लाइसेंस क्यों दिया, क्योंकि यह कानून का अपमान है।’’
दमानिया ने इस वर्ष 26 जून को कदम द्वारा पुणे पुलिस आयुक्त को भेजे गए निर्देशों को पोस्ट किया था, जिसमें कहा गया था कि घैवाल के खिलाफ 2010 से 2015 के बीच तीन मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन अदालतों ने उसे बरी कर दिया था।
कदम ने पुलिस को दिए निर्देश में दावा किया कि 2015 के बाद कोई मामला दर्ज नहीं किया गया।
दमानिया ने आरोप लगाया कि कदम ने पुणे पुलिस आयुक्त के 20 जनवरी, 2025 के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें घैवाल को हथियार का लाइसेंस देने से इनकार किया गया था। आरोप के अनुसार, कदम ने पुलिस से घैवाल को लाइसेंस देने को कहा था।
इस बीच, राकांपा (शरदचंद्र पवार) महासचिव और विधायक रोहित पवार ने आरोप लगाया कि घैवाल के भाई नीलेश सरकार में शक्तिशाली व्यक्तियों के करीबी हैं।
पवार ने दावा किया कि उन्होंने (कदम ने) सचिन घैवाल को हथियार का लाइसेंस और फर्जी पासपोर्ट देने के लिए दबाव डाला होगा।
भाषा
राखी सुरेश
सुरेश

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