अल्पसंख्यकों को यह महसूस कराया जाना चाहिए कि लोकतंत्र में उनकी समान हिस्सेदारी है: अमेरिकी राजदूत

अल्पसंख्यकों को यह महसूस कराया जाना चाहिए कि लोकतंत्र में उनकी समान हिस्सेदारी है: अमेरिकी राजदूत

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  • Publish Date - May 22, 2024 / 10:29 PM IST,
    Updated On - May 22, 2024 / 10:29 PM IST

मुंबई, 22 मई (भाषा) भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बुधवार को कहा कि यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए कि जातीय या धार्मिक अल्पसंख्यकों समेत समाज के हर वर्ग को यह महसूस हो कि देश के लोकतंत्र में उनकी समान हिस्सेदारी है।

भारत में चुनाव अभियान के सांप्रदायिक रूप लेने और भारत-अमेरिका संबंधों पर इसके प्रभाव के बारे में चिंताओं पर एक सवाल का जवाब देते हुए गार्सेटी ने कहा कि वह किसी को यह नहीं बताएंगे कि लोकतंत्र कैसे चलाया जाए और भारतीय ‘अपने लोकतंत्र का खुद ख्याल रखेंगे।”

उन्होंने यहां अमेरिकी वाणिज्य दूतावास द्वारा ‘विविधता, समानता, समग्रता और पहुंच’ के विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘मैं यह भी कहना चाहूंगा कि विविधता, समानता, समावेश व संपर्क केवल चुनाव के दिन (से संबंधित) नहीं हैं। वे हर समय रहते हैं। लोकतंत्र एक दैनिक जनमत संग्रह है।’

गार्सेटी ने कहा, ‘हमें सुनिश्चित करना होगा कि हर कोई, चाहे वह जातीय या धार्मिक अल्पसंख्यक हो, चाहे वह महिलाएं हों या युवा हों, चाहे वह गरीब हो- सभी महसूस करें कि लोकतंत्र में उनकी समान हिस्सेदारी है।”

भाषा जोहेब नरेश

नरेश