मध्य रेलवे अधिकारियों के खिलाफ धन शोधन मामला: विशेष अदालत ने ईडी की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ स्वीकार की
मध्य रेलवे अधिकारियों के खिलाफ धन शोधन मामला: विशेष अदालत ने ईडी की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ स्वीकार की
मुंबई, पांच दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र की एक विशेष अदालत ने मध्य रेलवे के कई अधिकारियों के खिलाफ धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर ‘क्लोजर रिपोर्ट’ को स्वीकार कर लिया है। अदालत का कहना है कि कोई मामला नहीं बनता है, क्योंकि मूल अपराध का मामला पहले ही बंद हो चुका है।
पीएमएलए मामला चार फरवरी, 2022 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मध्य रेलवे के आठ अधिकारियों ने व्यक्तिगत मौद्रिक लाभ के लिए बढ़ी हुई कीमतों पर बदली जाने वाली दुकानों और भागों की खरीद के लिए आपूर्तिकर्ताओं के साथ साजिश रची थी। आरोपियों में तत्कालीन वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता वेद प्रकाश और सहायक मंडल विद्युत अभियंता विजय कुमार शामिल हैं।
जांच में निविदा प्रक्रिया में अनियमितताएं सामने आईं, जिनमें अस्पष्ट आइटम विवरण, सीमित निविदाएं और अपंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं को अनुबंध देना शामिल है। हालांकि, पिछले साल एक जनवरी को सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा स्वीकार की गई सीबीआई की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ में कहा गया था कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कोई मजबूत सबूत नहीं मिला।
उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, धन शोधन का कोई भी मामला मूल अपराध के अभाव में टिक नहीं सकता है।
इसलिए, विशेष न्यायाधीश आर बी रोटे ने एक दिसंबर को ईडी की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ स्वीकार कर ली।
अदालत ने कहा, ‘चूंकि मूल अपराध (प्रेडिकेट ऑफेंस) के संबंध में सीबीआई द्वारा दायर ‘क्लोजर रिपोर्ट’ को स्वीकार कर लिया गया है, इसलिए ईसीआईआर (ईडी मामले) को जारी रखना उचित नहीं है।’
भाषा तान्या दिलीप
दिलीप

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