बलात्कार के मामले के बावजूद मुंबई महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहर: शिवसेना | Mumbai safest city for women despite rape case: Shiv Sena

बलात्कार के मामले के बावजूद मुंबई महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहर: शिवसेना

शिवसेना ने सोमवार को कहा कि यहां एक महिला के साथ हुए नृशंस बलात्कार और हत्या ने सभी को झकझोर कर रख दिया लेकिन मुंबई दुनिया में महिलाओं के लिए ‘‘सबसे सुरक्षित शहर’’ है

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : September 13, 2021/2:07 pm IST

मुंबई, 13 सितंबर।  शिवसेना ने सोमवार को कहा कि यहां एक महिला के साथ हुए नृशंस बलात्कार और हत्या ने सभी को झकझोर कर रख दिया लेकिन मुंबई दुनिया में महिलाओं के लिए ‘‘सबसे सुरक्षित शहर’’ है और इसे लेकर किसी के मन में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ अपराध की हालिया घटनाएं राज्य की संस्कृति पर एक ‘धब्बा’ हैं और लोगों में गुस्सा उचित है।

पुलिस ने पहले कहा था कि उपनगरीय साकीनाका में शुक्रवार तड़के एक खड़े टेम्पो के अंदर एक व्यक्ति ने 34 वर्षीय एक महिला के साथ बलात्कार और क्रूरता की। शनिवार तड़के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मुंबई में हुई दुष्कर्म की इस घटना ने दिल्ली में 2012 में हुए ‘निर्भया’ सामूहिक दुष्कर्म की याद ताजा कर दी। घटना के कुछ घंटों के भीतर गिरफ्तार किए गए 45 वर्षीय संदिग्ध पर बाद में हत्या का आरोप लगाया गया।

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इसमें कहा गया है कि यहां साकीनाका इलाके में एक महिला के साथ बलात्कार और हत्या जैसी घटनाएं एक ‘‘भयंकर विकृति’’ के कारण होती हैं, जिसे दुनिया के किसी भी हिस्से में देखा जा सकता है और मुंबई की घटना की तुलना हाथरस (उत्तर प्रदेश में जहां पिछले वर्ष 19 वर्षीय दलित युवती की सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी) मामले से करना पूरी तरह से गलत है।

संपादकीय में दावा किया गया कि हाथरस मामले के दोषियों को ‘‘राज्य के हुक्मरानों का प्रश्रय’’ था और दोषियों की गिरफ्तारी में देरी हुई थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि सरकार ने सबूत मिटाने के लिए आनन-फानन में पीड़िता के शव को जला दिया था।

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मराठी दैनिक ने कहा, ‘‘योगी सरकार ने कहा था कि हाथरस में कोई बलात्कार नहीं हुआ, जो गलत साबित हुआ।’’ उसने कहा कि जिस तत्परता के साथ राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम साकीनाका पहुंची, वह हाथरस मामले में नहीं दिखाई दी।

संपादकीय के अनुसार कठुआ (2018 में जम्मू-कश्मीर में एक नाबालिग लड़की की) बलात्कार मामले के आरोपी को ‘‘बचाने’’ के लिए एक विशेष राजनीतिक दल के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए, जबकि साकीनाका घटना में पुलिस ने 10 मिनट में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। शिवसेना ने कहा कि ऐसे मामलों का एकमात्र समाधान विकृत मानसिकता पर अंकुश लगाना है।

 

 

 
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