मुंबई, 28 जून (भाषा) कुर्ला इलाके में सोमवार रात गिरी एक इमारत के बारे कहा गया है कि इसे पूर्व में जीर्ण-शीर्ण घोषित किया गया था लेकिन बाद में अनुकूल संरचनात्मक लेखा परीक्षा रिपोर्ट के बाद इसे इस श्रेणी से हटा दिया गया था। बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
इमारत के गिरने से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए। नगर निकाय आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने कहा कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका इस बात की जांच करेगी कि इमारत का वर्गीकरण कैसे बदला गया और किसने संरचनात्मक ऑडिट किया।
चहल दिन में नाइक नगर सोसाइटी में घटनास्थल का दौरा करने के बाद बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
वर्ष 1973 में बनी इस इमारत को 2016 में जीर्ण-शीर्ण ‘सी1’ श्रेणी की संरचना घोषित किया गया था, जिसका अर्थ था कि यह रहने के लिए अनुपयुक्त थी।
बीएमसी की एक विज्ञप्ति के अनुसार, उसने 28 जून, 2013 को आवासीय सोसाइटी को पहला नोटिस जारी किया था, जिसमें उसे मरम्मत कार्य करने के लिए कहा गया था।
इसके बाद निकाय ने कानूनी कार्रवाई शुरू की क्योंकि सोसाइटी ने मरम्मत नहीं की, और इसे सी1 श्रेणी में शामिल किया। इसे मुंबई नगर निगम अधिनियम के तहत एक नया नोटिस जारी किया गया।
बीएमसी ने कहा कि नवंबर 2014 और मई 2015 में, नाइक नगर को-ऑपरेटिव आवासीय सोसाइटी में इमारतों को गिराने के लिए नोटिस जारी किए गए थे।
मई 2016 में पानी और बिजली के कनेक्शन काट दिए गए थे, लेकिन एक अधिकृत ऑडिट फर्म सचदेवा एंड एसोसिएट्स से प्राप्त स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर 30 जून 2016 को बिल्डिंग को ‘सी-2-बी’ वर्ग में शामिल कर लिया गया था।
भाषा फाल्गुनी नेत्रपाल
नेत्रपाल
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