मुंबई, 29 सितंबर (भाषा) स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने बृहस्पतिवार
को धर्माटिक एंटरटेनमेंट के पूर्व कार्यकारी निर्माता क्षितिज प्रसाद द्वारा दायर एक याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि वह ‘मादक पदार्थों के तस्करों के गिरोह’’ का हिस्सा हैं।
प्रसाद ने खुद को आरोपमुक्त घोषित किए जाने का अनुरोध करते हुए एक याचिका दायर की है।
सितंबर 2020 में प्रसाद को बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित मादक पदार्थों की तस्करी के एक मामले से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
प्रसाद उस समय फिल्म निर्माता करण जौहर के स्वामित्व वाली कंपनी में काम करते थे।
वकील निखिल मानशिंदे के जरिए दायर याचिका में, प्रसाद ने यह कहते हुए मामले में बरी किए जाने का अनुरोध किया कि वह निर्दोष हैं और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
संघीय एजेंसी ने बृहस्पतिवार को एक विशेष अदालत के न्यायाधीश वी. जी. रघुवंशी के समक्ष विशेष अभियोजक अतुल सरपांडे के जरिए दायर अपने लिखित जवाब में प्रसाद की याचिका का विरोध किया।
एनसीबी ने आरोप लगाया है कि प्रसाद ने मादक पदार्थों के कई तस्करों के साथ लेन-देन किया था और वह ‘मादक पदार्थों के तस्करों के गिरोह का हिस्सा हैं।’’ एजेंसी ने दावा किया कि उन्होंने स्वापक औषधि एवं मनःप्रभावी पदार्थ कानून के तहत वर्णित अपराधों में अपनी भूमिका स्वीकार की है।
अदालत प्रसाद की याचिका पर अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को करेगी। इस मामले में राजपूत की प्रेमिका अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती सहित 35 आरोपी हैं। फिलहाल रिया चक्रवर्ती समेत अधिकतर लोग जमानत पर हैं।
भाषा अविनाश मनीषा
मनीषा
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