आरक्षण की मांग को लेकर ओबीसी कार्यकर्ताओं का अनशन सातवें दिन भी जारी

आरक्षण की मांग को लेकर ओबीसी कार्यकर्ताओं का अनशन सातवें दिन भी जारी

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  • Publish Date - June 19, 2024 / 08:03 PM IST,
    Updated On - June 19, 2024 / 08:03 PM IST

जालना, 19 जून (भाषा) मराठा आरक्षण की मांग के बीच ओबीसी कोटा से छेड़छाड़ नहीं किए जाने का आश्वासन मांगने वाले दो कार्यकर्ताओं का अनशन बुधवार को सातवें दिन में प्रवेश कर गया। डॉक्टरों ने कहा है कि अब उनकी तबीयत बिगड़ने लगी है।

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सदस्यों के अनुरोध के बाद कार्यकर्ता लक्ष्मण हेक और नवनाथ वाघमारे ने पानी के कुछ घूंट पिये, लेकिन विरोध प्रदर्शन जारी रखने की बात पर अड़े रहे।

हेक और वाघमारे 13 जून से जालना जिले के वाडीगोद्री गांव में भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

सरकारी चिकित्सा अधिकार अनिल वाघमारे ने बताया कि कार्यकर्ता का रक्तचाप बढ़ गया है और उनका रक्त शर्करा स्तर कम है। डॉक्टरों ने जोर देकर कहा है कि आगे की स्वास्थ्य जटिलताओं को रोकने के लिए दोनों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है।

ओबीसी कार्यकर्ता महाराष्ट्र सरकार की मसौदा अधिसूचना को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें कुनबी को मराठा समुदाय के सदस्यों के ‘ऋषि सोयारे’ (रक्त संबंधी) के रूप में मान्यता दी गई है। कुनबी, एक कृषि समूह है, जिसे ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ मिलता है।

संवाददाताओं से बात करते हुए हेक ने बुधवार को कहा कि कोई भी सरकारी प्रतिनिधि अभी तक उनसे मिलने नहीं आया है। उन्होंने मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उनका विरोध प्रदर्शन सरकार द्वारा प्रायोजित था।

हेक ने कहा, ‘अगर हमारा प्रदर्शन सरकार द्वारा प्रायोजित होता तो अधिकारी चिंता व्यक्त करते और हमसे मिलने आते।’

हेक ने आरक्षण प्रणाली की जटिलताओं को लेकर जारंग के ‘अज्ञान’ की आलोचना की। उन्होंने आरक्षण की जटिलताओं पर खुली चर्चा के लिए जारंग की टीम को निमंत्रण भी दिया है।

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कार्यकर्ताओं ने अम्बड में बंद का आह्वाहन किया है। मंगलवार को इन्होंने अपनी मांगों को लेकर कुछ समय के लिए धुला-सोलापुर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद किया।

भाषा स्वाती रंजन

रंजन