पवार की टिप्पणी दिखाती है कि उनके लिए पार्टी को संभालना मुश्किल हो गया है : फडणवीस

पवार की टिप्पणी दिखाती है कि उनके लिए पार्टी को संभालना मुश्किल हो गया है : फडणवीस

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  • Publish Date - May 8, 2024 / 09:50 PM IST,
    Updated On - May 8, 2024 / 09:50 PM IST

मुंबई, आठ मई (भाषा) महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि क्षेत्रीय दलों के कांग्रेस में संभावित विलय पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) संस्थापक शरद पवार की टिप्पणी से पता चलता है कि उनके लिए अपनी पार्टी को संभालना मुश्किल हो गया है।

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति के एक अन्य नेता ने कहा कि पवार की टिप्पणी दर्शाती है कि उनके गृह क्षेत्र बारामती में उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक रही है और उनके सामने एकमात्र विकल्प अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करना है।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार के साथ एक साक्षात्कार में पवार ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में कई क्षेत्रीय दल कांग्रेस के साथ अधिक निकटता से जुड़ेंगे या इसके साथ विलय के विकल्प पर विचार कर सकते हैं, अगर उन्हें लगता है कि यह उनकी पार्टी के लिए सबसे अच्छा है।

यह पूछे जाने पर कि क्या यह बात उनकी अपनी पार्टी पर लागू होती है, पवार ने अखबार से कहा कि उन्हें कांग्रेस और अपनी पार्टी के बीच कोई अंतर नहीं दिखता क्योंकि दोनों गांधी, नेहरू की विचारधारा से संबंधित हैं।

पवार ने स्पष्ट किया कि रणनीति या अगले कदम पर कोई भी फैसला सामूहिक रूप से लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी वैचारिक रूप से कांग्रेस के करीब है और उद्धव ठाकरे समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर काम करने को लेकर सकारात्मक हैं।

पवार की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) पहले ही कांग्रेस की विचारधारा वाली पार्टी हो गई है।

सत्तारूढ़ दल शिवसेना के प्रमुख शिंदे ने कहा, ‘‘पवार बड़े नेता हैं और वह इस तरह के बयान देते रहते हैं। लेकिन शिवसेना (यूबीटी) धड़ा पहले ही कांग्रेस बन चुका है क्योंकि वे कांग्रेस और पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं। केवल (उनके बीच विलय की) औपचारिकता बाकी है।’’

फडणवीस ने कहा कि अपनी टिप्पणी के माध्यम से, पवार शायद यह कहना चाह रहे हैं कि उनके लिए अपनी पार्टी संभालना मुश्किल हो गया है, इसलिए वह इसे कांग्रेस में विलय करने का विकल्प चुन सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई नयी बात नहीं है क्योंकि पवार ने नयी पार्टियां बनाईं और बाद में उनका कांग्रेस में विलय कर दिया।’’

पूर्व कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि पवार लंबे समय से अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने के बारे में सोच रहे हैं और कांग्रेस ने भी उन्हें इस आशय का प्रस्ताव दिया था।

निरूपम हाल में मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ शिवसेना में शामिल हुए हैं। पूर्व सांसद ने कहा, ‘‘लेकिन कांग्रेस ने सुप्रिया सुले को नेतृत्व सौंपने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। पवार की टिप्पणी से पता चलता है कि बारामती में उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक रही है। अगर ऐसा नहीं है, तो भी उनके पास अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जिसे घाटे में चल रही दो कंपनियों के विलय के रूप में देखा जाएगा।’’

भाजपा नेता प्रसाद लाड ने सवाल किया कि क्या शिवसेना (यूबीटी) शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ कांग्रेस में विलय करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे ने अपने भाषणों की शुरुआत में मेरे हिंदू भाइयों और बहनों कहना बंद कर दिया है। वह विनायक दामोदर सावरकर की आलोचना करने वालों के दोस्त बन गए हैं। केवल समय ही बताएगा कि क्या ठाकरे अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करेंगे।’’

राकांपा (शरदचंद्र पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि उनके पिता ने सामान्य किस्म का बयान दिया है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वड्डेटीवार ने कहा कि पवार ने जो कहा उसमें सच्चाई है।

अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के छगन भुजबल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि क्षेत्रीय दलों का कांग्रेस में विलय होगा। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बीजू जनता दल (बीजद) का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘वे अपने-अपने राज्यों में मजबूत हैं और उन्होंने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सरकारें बनाई हैं।’’

शरद पवार द्वारा 1999 में गठित राकांपा जुलाई 2023 में विभाजित हो गई जब उनके भतीजे अजित पवार ने उनके खिलाफ बगावत कर दी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए।

भाषा आशीष अविनाश

अविनाश