Prithviraj Chavan Controversy: “नहीं है मेरी कोई गलती”… माफ़ी मांगने के सवाल पर भड़के यहां के पूर्व मुख्यमंत्री, ऑपरेशन सिन्दूर को लेकर कही थी ये बात

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर दिए बयान ने सियासी हलचल तेज कर दी है। चव्हाण ने माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा और संविधान उन्हें सवाल पूछने का अधिकार देता है। उनके बयान को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।

Prithviraj Chavan Controversy: “नहीं है मेरी कोई गलती”… माफ़ी मांगने के सवाल पर भड़के यहां के पूर्व मुख्यमंत्री, ऑपरेशन सिन्दूर को लेकर कही थी ये  बात

Prithviraj Chavan Controversy / Image Source : IBC24

Modified Date: December 17, 2025 / 03:50 pm IST
Published Date: December 17, 2025 3:50 pm IST
HIGHLIGHTS
  • महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ बयान पर सियासी बवाल
  • चव्हाण बोले “मैंने कुछ गलत नहीं कहा, माफी मांगने का सवाल ही नहीं”
  • भविष्य के युद्ध और 12 लाख सैनिकों की जरूरत पर उठाए सवाल

Prithviraj Chavan Controversy पुणे : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान ने ऐसा बयान दिया , जिसपर सियासी हंगामा खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले ही दिन भारत को करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने वाल उठाया था कि भविष्य के युद्ध ऐसे ही लड़े जाएंगे तो क्या 12 लाख सैनिकों की सेना रखने की जरूरत है, या फिर उन्हें किसी अन्य काम में लगाया जा सकता है ? इस मामले में अब सियासत गरमा चुकी है वहीं कांग्रेस नेता ने अपनी बयानों पर कायम रहने की बात दोहराई है।

पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि उन्होंने अपने बयान में कुछ भी गलत नहीं कहा और संविधान ने उन्हें सवाल पूछने का अधिकार दिया है. पुणे में मीडिया से बातचीत दौरान चव्हाण ने कहा, मैंने कुछ गलत नहीं कहा है. माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता. हमारे संविधान ने मुझे सवाल पूछने का अधिकार दिया है।

क्या है पूरा मामला ?

Prithviraj Chavan Controversy दरअसल, पृथ्वीराज चव्हाण ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन के पहले दिन ही भारत पूरी तरह हार गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस दौरान सेना की एक किलोमीटर तक की मूवमेंट नहीं हुई और दो-तीन दिनों तक सिर्फ हवाई और मिसाइल युद्ध ही हुआ। चौहान ने आगे सवाल उठाया था कि भविष्य के युद्ध ऐसे ही लड़े जाएंगे तो क्या 12 लाख सैनिकों की सेना रखने की जरूरत है, या फिर उन्हें किसी अन्य काम में लगाया जा सकता है।

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