शिल्पा, राज कुंद्रा ने अदालत से 60 करोड़ रु. की धोखाधड़ी मामले को खारिज करने का अनुरोध किया

शिल्पा, राज कुंद्रा ने अदालत से 60 करोड़ रु. की धोखाधड़ी मामले को खारिज करने का अनुरोध किया

शिल्पा, राज कुंद्रा ने अदालत से 60 करोड़ रु. की धोखाधड़ी मामले को खारिज करने का अनुरोध किया
Modified Date: November 10, 2025 / 03:11 pm IST
Published Date: November 10, 2025 3:11 pm IST

मुंबई, 10 नवंबर (भाषा) अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके व्यवसायी पति राज कुंद्रा ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए मुंबई उच्च न्यायालय का रुख किया है।

दंपति ने प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करने के साथ-साथ अदालत से पुलिस को मामले में आरोपपत्र दाखिल नहीं करने और उनकी याचिकाओं पर सुनवाई होने तक उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।

उनकी याचिकाओं पर सोमवार को मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई।

 ⁠

अदालत ने दंपति को मामले में शिकायतकर्ता दीपक कोठारी को अपनी याचिकाओं की एक प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई 20 नवंबर के लिए स्थगित कर दी।

कोठारी ने दंपति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि 2015 से 2023 तक अभिनेत्री और उनके पति ने उन्हें अपनी कंपनी ‘बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड’ में 60 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए मनाया लेकिन इस राशि का इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए किया।

दंपति ने अपनी याचिकाओं में दावा किया कि प्राथमिकी गलत और तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए तथ्यों के आधार पर दर्ज की गई है और इसे ‘‘पैसे ऐंठने की छिपी हुई मंशा से दुर्भावनापूर्ण तरीके से दर्ज कराया गया है’’।

शेट्टी ने अपनी याचिका में कहा कि वह कंपनी की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में शामिल नहीं थीं और बहुत सीमित समय के लिए ही इससे जुड़ी थीं।

दंपति ने कहा कि पूरा विवाद एक असफल व्यावसायिक उद्यम और निवेश घाटे से उत्पन्न दीवानी एवं संविदात्मक प्रकृति का था।

याचिकाओं में कहा गया है, ‘‘कंपनी का पतन अप्रत्याशित आर्थिक परिस्थितियों, विशेष रूप से नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी के कारण हुआ जिसने नकदी-आधारित व्यवसाय को बुरी तरह प्रभावित किया।’’

याचिका में कहा गया है कि यह नुकसान केवल व्यावसायिक घाटा था न कि किसी धोखाधड़ी या आपराधिक साजिश के कारण हुआ था।

भाषा सुरभि वैभव

वैभव


लेखक के बारे में