शिवसेना सांसद मिलिंद देवरा को जन मुद्दों की समझ नहीं : कांग्रेस

शिवसेना सांसद मिलिंद देवरा को जन मुद्दों की समझ नहीं : कांग्रेस

शिवसेना सांसद मिलिंद देवरा को जन मुद्दों की समझ नहीं : कांग्रेस
Modified Date: October 10, 2025 / 10:11 pm IST
Published Date: October 10, 2025 10:11 pm IST

मुंबई, 10 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने शुक्रवार को कहा कि शिवसेना के राज्यसभा सदस्य मिलिंद देवरा को सार्वजनिक मुद्दों की कोई समझ नहीं है और न ही किसी समस्या की गहराई से जांच करने का धैर्य है।

महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत, देवरा द्वारा बृहन्मुंबई महानगरपालिका में उद्धव ठाकरे की (अविभाजित) शिवसेना के 30 साल के शासन की आलोचना करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।

देवरा ने पड़ोसी पालघर जिले में एक गड्ढे के कारण हुई दुर्घटना में एक महिला की मौत का मुद्दा उठाया था।

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सावंत ने कहा, ‘‘देवरा के पास आम लोगों से मिलने की तो बात ही छोड़िए, अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलने का भी समय नहीं था। स्वाभाविक रूप से, वह कभी भी सार्वजनिक मुद्दों की वास्तविक समझ या किसी समस्या की गहराई से जांच करने के लिए आवश्यक धैर्य विकसित नहीं कर पाए। नतीजा यह हुआ कि वह लगभग हमेशा सतही दृष्टिकोण ही अपनाते हैं।’’

सावंत ने कहा कि देवरा बेतुके और लापरवाह बयान देते हैं, जैसे कि यह सुझाव देना कि दक्षिण मुंबई में विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता ने पालघर हादसे के संदर्भ में कहा कि देवरा ने समाचार लिंक खोलकर उसे ठीक से पढ़ने की भी परवाह नहीं की।

सावंत ने कहा, ‘‘प्रशासनिक लापरवाही के कारण एक दुखद दुर्घटना हुई जिसमें मोटरसाइकिल की पिछली सीट पर बैठी अनीता पाटिल की तब जान चली गई, जब वाहन के गड्ढे से गुजरने के दौराप वह गिर गईं। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना पालघर-मनोर-विक्रमगढ़-जव्हार राजमार्ग पर हुई, फिर भी देवरा ने किसी तरह इसे बृहन्मुंबई महानगरपालिका से जोड़ दिया।’’

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अगर उन्होंने तथ्यों को जांचने की जहमत उठाई होती, तो उन्हें पता चल जाता कि यह एक राष्ट्रीय राजमार्ग है, जिसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मार्च 2024 में रखरखाव का ठेका दिया था।

सावंत ने चुनौती देते हुए सवाल किया, ‘‘ठेकेदार भूषण भानुशाली भाजपा के जिला सचिव हैं। क्या देवरा में भाजपा से इस बारे में सवाल करने का साहस है?’’

भाषा धीरज माधव

माधव


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