तलाई गांव भूस्खलन संभावित क्षेत्र नहीं था, पर भारी बारिश के कारण घटना हुई: उपमुख्यमंत्री |

तलाई गांव भूस्खलन संभावित क्षेत्र नहीं था, पर भारी बारिश के कारण घटना हुई: उपमुख्यमंत्री

तलाई गांव भूस्खलन संभावित क्षेत्र नहीं था, पर भारी बारिश के कारण घटना हुई: उपमुख्यमंत्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : July 24, 2021/5:40 pm IST

पुणे, 24 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शनिवार को कहा कि राज्य के रायगढ़ जिले के तलाई गांव को भूस्खलन संभावित क्षेत्र के रूप में चिन्हित नहीं किया गया था और भारी बारिश के कारण गांव में घटना हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, प्रथम दृष्टया, बृहस्पतिवार शाम तलाई गांव में भूस्खलन के कारण कम से कम 37 लोगों की जान चली गई थी। पत्रकारों से बात करते हुए, पवार ने यह भी कहा कि बारिश प्रभावित महाराष्ट्र के नौ जिलों से अब तक 90,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 21 टीमें बारिश से प्रभावित जिलों में सेना, तटरक्षक बल और अन्य की 14 टीमों के साथ काम कर रही हैं। इसके अलावा, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की चार टीमें भी लोगों को निकालने के अभियान में लगी हुई हैं।

तटीय कोंकण क्षेत्र के रायगढ़ के कुछ हिस्से व रत्नागिरी जिला और पश्चिमी महाराष्ट्र का कोल्हापुर जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसके अलावा सतारा जिले के कई हिस्से में भारी बारिश के कारण पानी में डूब गए हैं।

सरकार ने शनिवार को कहा था कि महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बारिश से संबंधित घटनाओं, मुख्य तौर पर भूस्खलन और बाढ़ में कम से कम 76 लोगों की मौत हो गई और 38 अन्य घायल हो गए हैं।

तलाई गांव में हुए भूस्खलन के बारे में बात करते हुए, पवार ने कहा कि यह भूस्खलन संभावित क्षेत्र नहीं था, लेकिन अत्यधिक बारिश के कारण यह घटना हुई।

उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र ने भूस्खलन संभावित क्षेत्र के तौर पर विभिन्न क्षेत्रों को चिह्नित किया है और उसके अनुसार ही अलर्ट जारी किए जाते हैं और अन्य एहतियाती उपाय किए जाते हैं, लेकिन तलाई भूस्खलन संभावित क्षेत्र नहीं था।’

पुणे के अभिभावक मंत्री पवार ने कहा, “रेड अलर्ट को देखते हुए कुछ गांवों के लोगों को आगाह कर दिया गया था जबकि कुछ को पहले ही स्थानांतरित कर दिया गया था। हालांकि, एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गई।”

उन्होंने कहा कि पुणे जिले में 23 इलाके भूस्खलन संभावित क्षेत्र में आते हैं, जिनमें अंबेगांव में पांच इलाके, मावल व खेड़ में दो-दो इलाके, भोर में तीन इलाके, मुलशी, जुन्नार और वेल्हा में एक-एक इलाका शामिल हैं।

पवार ने कहा, “ इन इलाकों में भी कई लोगों की जान जा चुकी है। (महाराष्ट्र में) शनिवार सुबह तक भारी बारिश के कारण कुल 76 लोगों की मौत हुई है। इनमें रायगढ़ में 47, सतारा में छह, मुंबई और आसपास के इलाकों में चार, पुणे में एक, रत्नागिरी में 11, कोल्हापुर में पांच और सिंधुदुर्ग में दो लोगों की मौत शामिल हैं। शनिवार सुबह तक रायगढ़ में 53, सतारा में चार और ठाणे में दो लोग लापता हैं।”

पवार ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही बाढ़ और भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा कर चुकी है, जबकि केंद्र सरकार ने प्रत्येक को दो-दो लाख रुपये देने का ऐलान किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने इन प्रभावित इलाकों में राशन किट बांटने का फैसला किया है। पवार ने कहा कि इसके साथ ही “हम सामाजिक संस्थाओं से अपील कर रहे हैं कि प्रभावित क्षेत्रों में शिवभोजन थाली केंद्र चलाने के लिए आगे आएं।”

उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार कर्नाटक सरकार के समन्वय कर रही है ताकि (अलमट्टी बांध से) पानी छोड़ कर (कोल्हापुर जिले में) लोगों को बाढ़ से राहत दिलाई जा सके।

भाषा

नोमान उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)