किताब ‘बैचलर डैड’ में मेरे एकल पिता बनने से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिलेंगे: तुषार कपूर

किताब ‘बैचलर डैड’ में मेरे एकल पिता बनने से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिलेंगे: तुषार कपूर

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  • Publish Date - January 18, 2022 / 03:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:32 PM IST

(जस्टिन राव)

मुंबई, 18 जनवरी (भाषा) अभिनेता एवं निर्माता तुषार कपूर का कहना है कि उनकी पहली किताब पिता बनने के उनके सफर को बयां करती है, जिसमें एकल पिता होने के कई पहलुओं को रेखांकित किया गया है।

किताब ‘बैचलर डैड’ से लेखन जगत में कदम रखने वाले कपूर, जून 2016 में ‘सरोगसी’ के जरिए एक बेटे के पिता बने थे। उनके बेटे का नाम लक्ष्य है।

फिल्म ‘गोलमाल’ में हास्य किरदार अदा करने वाले अभिनेता (45) ने कहा कि कई बार उनसे अकेले एक बच्चे का पालन-पोषण करने से जुड़े अपने अनुभव के बारे में लिखने को कहा गया, लेकिन उन्हें यह एक दूर की कौड़ी प्रतीत होता था। ‘पेंगुइन इंडिया’ ने दो साल पहले जब उनसे सम्पर्क किया था, तो आखिरकार उन्हें लगा कि यह सभी सवालों के जवाब देने का सबसे उचित तरीका है।

तुषार कपूर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ अधिकतर सवाल किए जाते थे कि मैंने यह रास्ता क्यों चुना? ऐसा कैसे हो सकता है? क्या यह करना सही है? और क्या मैं यह कर सकता हूं? मेरे पिता बनने के बाद इस संबंध में सवाल किए जाते थे कि मैं सारी चीजें कैसे अकेले संभाल पा रहा हूं? लोग इसलिए चकित थे क्योंकि फिल्म जगत में इस तरह एकल पिता बनने वाला मैं पहला शख्स था।’’

अभिनेता जितेंद्र के बेटे और निर्माता एकता कपूर के भाई तुषार ने कहा, ‘‘ कुछ लोग चिकित्सीय पहलू को लेकर काफी जिज्ञासू थे और ऐसा सोचने लगे थे या तो मैंने बच्चा गोद लिया है या शादी कर ली है। लोगों की अपनी सोच थी।’’

अभिनेता ने कहा, ‘‘ हालांकि, किसी ने नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। काफी सकारात्मकता थी, सभी काफी मददगार थे, लेकिन सवाल यह था कि मेरा यह सफर कैसा होगा। इसलिए मैंने यह किताब लिखी, ताकि अपने इस सफर को सच्चाई के साथ बयां कर पाऊं..।’’

उन्होंने कहा कि उनकी इस किताब में ऐसे लगभग सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे, साथ ही एकल माता-पिता होने से जुड़े कई पहलू लोगों के सामने आएंगे।

इस किताब में 224 पृष्ठों में 10 अध्याय हैं, जिसमें तुषार के पिछले एक दशक के जीवन से जुड़ी बातों को क्रमबद्ध तरीके से बयां किया गया है। किताब ‘बैचलर डैड’ फरवरी के पहले सप्ताह में बाजार में उपलब्ध हो सकती है।

भाषा निहारिका वैभव

वैभव