राष्ट्र निर्माण के लिए एकता और समावेशिता आवश्यक: महाराष्ट्र के मंत्री

राष्ट्र निर्माण के लिए एकता और समावेशिता आवश्यक: महाराष्ट्र के मंत्री

राष्ट्र निर्माण के लिए एकता और समावेशिता आवश्यक: महाराष्ट्र के मंत्री
Modified Date: December 21, 2025 / 12:22 pm IST
Published Date: December 21, 2025 12:22 pm IST

मुंबई, 21 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के उच्च एवं प्रौद्योगिकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए एकता, समावेशिता और सामूहिक जिम्मेदारी बेहद जरूरी हैं, और समाज की समस्याओं को हल करने के लिए विज्ञान, शिक्षा और नवाचार महत्वपूर्ण हैं।

पाटिल ने यह बात शनिवार को अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस के अवसर पर ताज महल पैलेस में आयोजित कार्यक्रम में कही, जिसमें पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित डॉ. रघुनाथ अनंत माशेलकर और सुशील बोर्डे की किताब ‘‘मोर फ्रॉम लेस फॉर मोर: इनोवेशन्स होली ग्रेल’’ का विमोचन किया गया। यह कार्यक्रम ‘एटर्नल कॉर्पोरेट मीडिया प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘इंस्पायरिंग इंडिया’ ने आयोजित किया था।

मंत्री ने डॉ. माशेलकर की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने विज्ञान, शिक्षा और नवाचार के माध्यम से मानव कल्याण का संदेश दिया है और भावी पीढ़ी को प्रेरित किया है।

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अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस के महत्व पर पाटिल ने कहा कि एकता, समावेशिता और सामूहिक जिम्मेदारी राष्ट्र निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक हैं, और विज्ञान, शिक्षा और नवाचार गरीबी, असमानता और सामाजिक चुनौतियों से निपटने के औजार हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘असमानता के बावजूद समान अवसर पैदा करना डॉ. माशेलकर के दर्शन का मूल आधार है और यह युवाओं, स्टार्टअप्स, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं को प्रेरित करेगा।’’

मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की परिकल्पना प्रस्तुत करने के बाद डॉ. माशेलकर ने इसके प्रभावी कार्यान्वयन में बहुमूल्य योगदान दिया।

उन्होंने कहा कि उच्च और प्रौद्योगिकी शिक्षा में सुधार, एनईपी और कृत्रिम मेधा नीति पर डॉ. माशेलकर के मार्गदर्शन ने महाराष्ट्र को इस नीति को लागू करने में अग्रणी राज्य के रूप में उभरने में मदद की है।

भाषा खारी जोहेब

जोहेब


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