(तस्वीर के साथ)
नागपुर (महाराष्ट्र), 10 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि महिलाएं वे सारे काम कर सकती हैं जो पुरूष कर सकते हैं और वे (महिलाएं) वह काम भी कर सकती हैं जो पुरूष नहीं कर सकते।
यहां महिला बहुप्रदेशीय सहकारी सोसायटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने ‘महिलाओं की मुक्ति’ शब्द के इस्तेमाल पर भी विस्तार से चर्चा की।
भागवत ने कहा कि महिलाओं की मुक्ति’ की बात कहना ही गलत प्रतीत होता है। अगर महिलाओं को वे सब करने की आज़ादी दे दी जाए, जो वे करना चाहती हैं, तो हर कोई अपने आप ही मुक्त हो जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में महिलाएं सिर्फ अपने बारे में नहीं सोचती हैं। उनमें वात्सल्य का गुण अंतर्निहित है और इसीलिए वे सबके कल्याण के बारे में सोचती हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने घरों से संस्थानों तक देखते हैं कि महिलाएं सभी के कल्याण के बारे में सोचती हैं।’’
भागवत ने संघ के पूर्व सरसंघचालक एम एस गोलवलकर की तस्वीर का अनावरण भी किया।
उन्होंने इस कार्यक्रम में गणेश पंडाल में आरती भी की और संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने सभी के कल्याण की प्रार्थना की है।
भाषा राजकुमार पवनेश
पवनेश
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